भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर 16 मार्च को राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। पिछले दिनों कांग्रेस के 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। सूबे में 14 महीनों की बनी कमलनाथ सरकार मुश्किल दौर से गुजर रही है। इससे पहले 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ दिया था। 12 मार्च को उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में ‘कमल’ का दामन थाम लिया है।
‘बजट सत्र के दिन हो फ्लोर टेस्ट’
मध्यप्रदेश भाजपा के व्हिप चीफ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि चूंकि मौजूदा सरकार अल्पमत में है इसलिए हमने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया है। क्योंकि 16 मार्च को राज्य का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह सरकार बहुमत खो चुकी है।
प्रदेश विधानसभा का ये है गणित
गौरतलब है कि 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद अब 228 से घटकर 206 विधायकों का गणित हो गया है। कांग्रेस के पास 114 से घटकर अब 92 विधायक बच गए है। जबकि भाजपा के पास 107 विधायक है। सरकार बनाने के लिए अब 104 विधायकों के साथ बहुमत साबित करना होगा।
अपने-अपने विधायकों को बचाने में जुटी पार्टियां
भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल फिलहाल अपने-अपने विधायकों को साधने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस जहां बेंगलुरु गए विधायकों को मनाने की कवायद कर रही है। वहीं, स्थिति और खराब न हो जाए, इसके लिए कांग्रेस ने अपने बाकी विधायकों को बुधवार सुबह जयपुर भेजने का फैसला किया।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी भी अपने विधायकों को नई दिल्ली ले गई। इससे पहले मंगलवार देर शाम तक यह तय नहीं हो सका था कि भाजपा अपने विधायकों को दिल्ली ले जाएगी या बेंगलूरू। जब भाजपा विधायकों को ले जा रही बस भोपाल एयरपोर्ट पहुंची, तब वहां भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने स्पष्ट किया कि वह सभी पार्टी विधायकों के साथ दिल्ली जा रहे हैं। भाजपा विधायक गुरुग्राम के आईटीसी ग्रांड भारत में रुकेंगे।