हाओकिप ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने युनाइटेड नगा काउंसिल :यूएनसी: को आर्थिक नाकेबंदी के लिए उकसाया ताकि राज्य में अशांति उत्पन्न हो सके और यह इबोबी सिंह सरकार को सत्ता से हटाने का उनका प्लान बी था।
उन्होंने पीटीआई से कहा, दिल्ली में सत्ता में आने के बाद भाजपा पूर्वोत्तर में विधायकों की खरीद फरोख्त करके कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास करती रही है। उन्होंने यहां भी वही किया।
उन्होंने कहा, उनकी योजना बड़ी संख्या में हमारे विधायकों को तोड़ने का प्रयास करके हमारी सरकार को अस्थिर करने की थी। साईकोट से विधायक हाओकिप ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता राज्य में कांग्रेस के कई विधायकों के साथ सम्पर्क में थे।
उन्होंने कहा, वे हमारे 20 से अधिक विधायकों के साथ सम्पर्क में थे। उन्होंने उन्हें मंत्रिपद एवं अन्य चीजों का वादा कर लुभा रहे थे। यद्यपि भाजपा हमारे केवल छह नेता एवं विधायकों को ले पायी।
भाजपा ने उन सभी छह को विधानसभा चुनाव में उतारा है। इनमें पूर्व मंत्री एन बिरेन सिंह, युमखम इराबोत सिंह और फ्रांसिस नाजोकपा और विधायक डा के लोकेन, जेड किखोनबोउ नेवमाई और नेमचा किगेन शामिल हैं।
अखबार के संपादक से राजनीतिक बने एन बिरेन सिंह अब भाजपा के प्रवक्ता हैं। हाओकिप ने कहा, भाजपा ने यूएनसी के साथ मिलकर आर्थिक नाकेबंदी की साजिश रची। उनकी योजना अशांति एवं उथलपुथल उत्पन्न करने की थी ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाए। यद्यपि उनकी यह योजना भी असफल हो गई क्योंकि लोग उनकी योजना समझ गए। भाषा