उपचुनाव से पहले समाजवादियों को ब समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि विधानसभा उपचुनावों से पहले राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अयोध्या दुष्कर्म मामले पर ‘‘वोट की राजनीति’’ के लिये समाजवादियों को बदनाम कर रही है।
यादव ने ‘छोटे लोहिया’ के नाम से मशहूर रहे समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से अयोध्या दुष्कर्म मामले पर कहा, ‘‘उपचुनाव (उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले) से पहले भाजपा षड्यंत्र रच रही है और पहले ही दिन से उसका लक्ष्य रहा है कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए। खासकर मुसलमानों को लेकर उनकी जो सोच है वह अलोकतांत्रिक है।’’
उन्होंने अयोध्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2023 का भाजपा सरकार का ही एक संशोधित कानून है जिसमें यह कहा गया है कि अगर सात साल से ज्यादा सजा का प्रावधान वाला जुर्म हुआ है तो डीएनए टेस्ट होना चाहिए तो समाजवादी पार्टी ने क्या गलत मांग की है? वहां की पुलिस भी सच्चाई जानती है। तमाम अधिकारी ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि हमें तो नौकरी बचानी है, हम क्या करें।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अधिकारियों पर इतना दबाव है कि वे न्याय नहीं दे सकते। भाजपा भेदभाव इसलिए कर रही है क्योंकि उसे वोट की राजनीति दिखाई दे रही है। भाजपा के लोग कितना भी कुछ कर लें, अब जनता को उनसे कोई उम्मीद नहीं है और जब किसी राजनीतिक दल से उम्मीद खत्म हो जाए तो समझ लेना कि उनका सफाया तय है।’’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा के लोग लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारे। जनता अगले चुनाव में उन्हें इससे भी बुरी तरह हराएगी।’’
यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कोई योगी अगर लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करता है तो वह योगी नहीं हो सकता। हाथरस में घटना हुई थी जिसमें साधु संत के कार्यक्रम की अनुमति के लिए भाजपा के विधायक और नेताओं ने पैरवी की थी लेकिन प्रशासन को जो सुरक्षा और अन्य इंतजाम करना चाहिए था वह नहीं किए गए, जिसका परिणाम यह हुआ कि भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई।’’
उन्होंने लखनऊ के गोमतीनगर में पिछले दिनों बारिश के पानी में एक युवती को मोटरसाइकिल से खींचकर गिराये जाने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में दिये गये बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पुलिस ने आरोपियों की पूरी सूची दी थी तो आखिरकार मुख्यमंत्री ने केवल यादव और मुस्लिम का नाम ही क्यों पढ़ा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सच्चाई पुलिस भी जानती है। जिस यादव का नाम लिया गया है सुनने में आ रहा है कि वह सीसीटीवी कैमरा की फुटेज में था ही नहीं क्योंकि वह चाय पीने गया था, लेकिन पुलिस को यादव मिल गया इसलिए उसे जेल भेज दिया।’’
यादव ने सहारनपुर, पीलीभीत और अयोध्या में महिला विरोधी हाल की कुछ घटनाओं का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘कन्नौज में एक दलित समाज की बेटी के साथ घटना हुई, पुलिस और भाजपा के लोगों ने मिलकर एक झूठी कहानी बनाई तथा उसे पेड़ लटकाने के बाद कहा गया कि उसने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। उस लड़की के शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। वहां के भाजपा के नेता हैं जिनकी वजह से उस बेटी का पोस्टमार्टम नहीं हुआ।’’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हम तो मांग करेंगे कि जिस बेटी को पेड़ पर लटकाया गया था और जिसका पोस्टमार्टम नहीं हुआ उसका पोस्टमार्टम करवाया जाए और इस मामले में भाजपा के जो नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं उनके यहां भी बुलडोजर चलाया जाए।’’दनाम करना चाहती है भाजपा: अखिलेश यादव