आज काले धन को लेकर सबसे कड़ा फैसला करने का दावा कर रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उनकी पार्टी भाजपा ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के नोटबंदी के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया था। साल 2014 में विपक्षी पार्टी रही भाजपा ने उस समय की कांग्रेस सरकार की नोट बैन योजना का खुलकर विरोध किया था और अब उसे ही लागू कर दिया। दरअसल 2014 की शुरुआत में तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2005 से पहले के सभी करेंसी नोट्स के इस्तेमाल पर रोक का प्रस्ताव लाया था, जिसे भाजपा ने एंटी पुअर (गरीब विरोधी) करार दिया था। जनवरी 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ब्लैकमनी पर शिकंजा कसने के लिए डिमोनेटाइजेशन की घोषणा की थी। उस समय भाजपा प्रवक्ता रहीं मीनाक्षी लेखी ने इस फैसले को नौटंकी करार देते हुए कहा था कि यह विदेशी अकाउंट्स में जमा ब्लैकमनी के मुद्दे से ध्यान बंटाने की कोशिश है।आज मीनाक्षी लेखी दिल्ली से भाजपा सांसद हैं।
देश भर में नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी बढ़ती ही जा रही है। फैसले के कई दिन गुजर जाने के बाद भी हालात अब तक सामान्य नहीं हुए हैं। ऐसे में विपक्षी दल इस फैसले को आम जनता के विरुद्ध बताते हुए केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहे हैं। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी आज आरोप लगाया कि नोटबंदी की आड़ में मोदी सरकार ने बड़ा घोटाला किया है। केजरावील ने कहा कि मोदी जी ने इस योजना को लागू करने से पहले ही भाजपा के लोगों और अपने साथियों को आगाह कर दिया था, जिससे उनलोगों ने अपने कालेधन का इंतजाम पहले ही कर लिया और उसे खपा दिया। अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जल्द से जल्द वह व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर लोगों को राहत पहुंचाए।