राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस पर घमासान थमने के बजाय और बढ़ता दिखाई दे रहा है। राफेल मामले से जुड़े फैसले में कैग रिपोर्ट के जिक्र के संदर्भ में संशोधन के लिए सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर करने को लेकर कांग्रेस जहां नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं अब भाजपा ने इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल पर पलटवार करने का मन बनाया है और मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों समेत अपने प्रमुख नेताओं को सोमवार को देश के 70 शहरों में कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए तैनात किया है।
पार्टी की ओर से कहा गया कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फड़णवीस, विजय रूपाणी, सर्वानंद सोनोवाल क्रमश: गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर और अगरतला में मीडिया को संबोधित करेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, सुरेश प्रभु, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी संगठन के नेता सोमवार को विभिन्न स्थानों पर मीडिया से बातचीत करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया है और राफेल लड़ाकू विमान डील पर शीर्ष अदालत के फैसले में उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है, जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) का जिक्र है। इस पर कांग्रेस का आरोप है कि न्यायालय के फैसले में पीएसी को कैग रिपोर्ट दिए जाने का जिक्र है, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने देश की सबसे बड़ी अदालत को गुमराह किया है।
ये है कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने डील पर दायर की गई याचिका पर कहा कि राफेल डील पर कोई संदेह नहीं है। राफेल की गुणवत्ता में पर कोई सवाल नहीं है। हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया पढ़ी है। विमान की कीमत देखना हमारा काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच को लेकर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।