बसपा के पूर्व क्षेत्रीय संयोजक जुगल किशोर को रैली की जिम्मेदारी दी गई है। जुगल किशोर इस साल जनवरी में भाजपा में शामिल हो गए थे। अभी तक की जानकारी के मुताबिक रैली का आयोजन 16 सितम्बर को किया जाएगा। लेकिन इसमें बदलाव हो सकता है. इस रैली का आयोजन लखनऊ के स्मृति उपवन में किया जायेगा। इस उपवन का विकास कल्याण सिंह की सरकार में हुआ था।
सूत्रों के अनुसार पूरे राज्य से लगभग 50 हजार दलित इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमित शाह उन्हें संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास की नीति में विश्वास करती है और समाज के सभी वर्गों दलितों, गरीबों व वंचितों का सम्मान करती है।
इसकी थीम ‘मानव-मानव एक समान, हर मानव का हो सम्मान’ रखी गई है। उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार सभी जातियों के लोग साथ में लंच भी कर सकते हैं. पार्टी अध्यक्ष उनसे बातचीत भी कर सकते हैं। बताया जाता है कि भाजपा ने यूपी में अनुसूचित जाति वाली विधानसभाओं में अपनी जमीनी पकड़ बनाने के लिए तकरीबन 21 सांसदों को जिम्मेदारी दी है। ये सांसद मोदी सरकार की कल्याणकारी और वित्तीय सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी देंगे। भाजपा के एक नेता का यह मानना है कि इस तरह का प्रचार जरूरी है। क्योंकि बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां दलितों के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही हैं. इसलिए चुनाव से पूर्व इस तरह का प्रचार करना जरुरी है।
फिलहाल दलितों को अपनी पार्टी से जोड़ने के लिए भाजपा बौद्ध भिक्षुओं ‘धम्म चेतना यात्रा’ को भी समर्थन दे रही है। यह यात्रा पूरे राज्य से गुजर रही है और नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रही है। साथ ही साथ ये चेतना यात्रा उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए भाजपा को एकमात्र उम्मीद बता रही है। बताया जाता है कि ये यात्रा अगले महीने लखनऊ में संपन्न होगी। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे संबोधित कर सकते हैं।