Advertisement

कांग्रेस सेवादल ने सावरकर पर बांटी ‘विवादास्पद किताब’, भाजपा ने बोला हमला

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई एक किताब पर अब विवाद खड़ा हो गया है। 'वीर सावरकर कितने...
कांग्रेस सेवादल ने सावरकर पर बांटी ‘विवादास्पद किताब’, भाजपा ने बोला हमला

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई एक किताब पर अब विवाद खड़ा हो गया है। 'वीर सावरकर कितने वीर' नामक इस पुस्तक में हिंदुत्व के पैरोकार वीर सावरकर को लेकर कई विवादास्पद बातें कही गई हैं। भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया है।

दरअसल, कांग्रेस सेवादल ने कैडर तैयार करने के मकसद से मध्यप्रदेश की राजधानी में शिविर लगाया है। गुरुवार से शुरू हुए इस शिविर में जो साहित्य बांटा गया, उनमें एक किताब ऐसी भी है, जिसमें नाथूराम गोडसे और सावरकर के विवादित संबंधों का जिक्र है। ‘वीर सावरकर कितने वीर’ शीर्षक वाली किताब में लॉरी कॉलिंस और डॉमिनोक्यू लापियर द्वारा लिखित किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के हवाले से कहा गया है कि गोडसे और सावरकर के बीच ‘समलैंगिक’ संबंध थे। “ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है। यह समलैंगिक संबंध थे। उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर।”

किताब में लिखा है, “सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां की टाइल्स तोड़ दी थी।” किताब के 14वें पन्ने पर सवाल है, “क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया?” इसके जवाब में लिखा है, “यह सही है। सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था।”

मुस्लिम महिलाओं का बलात्कार करने के लिए उकसाते सावरकर

किताब में दावा किया गया है कि सावरकर लोगों को मुस्लिम महिलाओं का बलात्कार करने के लिए उकसाते थे। किताब में कहा गया कि सावरकर ने अंग्रेजों से लिखित में माफी मांगी थी ताकि उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाए और उन्होंने आश्वासन दिया कि वह फिर से किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।

भाजपा ने किया विरोध

कांग्रेस सेवादल की बैठक में विवादित पुस्तक के वितरण पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा, "कांग्रेस से क्या उम्मीद की जा सकती है जो महिलाओं को तंदूर में जलाती है?" 1990 के दशक में दिल्ली में हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक कांग्रेसी नेता ने अपनी पत्नी को मार डाला था और एक तंदूर में उसके शरीर को जलाने की कोशिश की थी।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा, "कांग्रेस सेवादल में वितरित साहित्य नया नहीं है। सावरकर के बारे में जो कहा गया है, वह सर्वविदित है। यह सर्वविदित है कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी।" उन्होंने कहा, "सावरकर ने जिन्ना के देश को विभाजित करने के विचार का समर्थन किया था। यह सब साहित्य है और कांग्रेस ने इसे नहीं लिखा था; यह साहित्यकारों द्वारा लिखा गया था। देश को आज इन सभी चीजों के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि जिस तरह से कुछ नेता गोडसे को एक देशभक्त घोषित कर रहे हैं। लोगों को पता होना चाहिए कि किसने देश के लिए बलिदान दिया और किसने अंग्रेजों का पक्ष लिया।"

हालांकि, शर्मा ने किताब में गोडसे के साथ सावरकर के संबंध के बारे में किए गए दावे के बारे में बोलने से परहेज किया। वह इस दावे पर नहीं बोले कि सावरकर मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए उकसाते थे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad