बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के पाकिस्तान में 250 आतंकियों के मारे जाने के बयान को लेकर मंगलवार को उन पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उस दावे पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं जिसमें उन्होंने दावा किया है कि एयरफोर्स की कार्रवाई में 250 आतंकी मारे गए हैं।
‘शाह के दावे पर उनके गुरु PM मोदी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं’
बीएसपी सुप्रीमो ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह दावा करते हैं कि एयरफोर्स की स्ट्राइक में 250 आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन उनके गुरु जो हमेशा हर बात पर क्रेडिट लेते हैं इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।' मायावती ने कहा कि यह अच्छी बात है कि आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन पीएम मोदी इस पर चुप हैं इसके पीछे क्या रहस्य है।
मायावती ने भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी उठाए सवाल
मायावती ने बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आर्थिक विकास का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है जो कि चिंता की बात है। उन्होंने पूछा कि जीडीपी की घटती दर और खेती में घटती आय पर मोदी सरकार क्या जवाब देगी।
देश की सियासत में भी हलचल तेज
एयर स्ट्राइक में ‘कितने आतंकवादी मारे गए’ जैसे सवालों पर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान बाद कांग्रेस के कई बड़े नेता उन पर हमलावर हो गए हैं। इसी के साथ भाजपा कांग्रेस दोनों दलों के बीच ‘सबूत’ और ‘संख्या’ को लेकर तकरार शुरू हो गई है।
अमित शाह ने किया था ये दावा
रविवार को अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में अमित शाह ने दावा किया था कि वायुसेना की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के 250 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं लेकिन वायुसेना चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
‘हमारा मकसद सिर्फ टारगेट को हिट करना था’
वायुसेना के चीफ बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि हमारा मकसद सिर्फ टारगेट को हिट करना था, कितने मरे यह गिनना हमारा काम नहीं है। यह सरकार बताएगी कितने मरे। इसके बाद से विपक्षी नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं
गौरतलब है 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा में घुसे वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया था। वायुसेना ने अपने बयान में कहा था कि उनके निशाने टारगेट पर लगे हैं, जो वो करना चाहते थे वो किया है। हालांकि, इस दौरान सरकार ने किसी तरह का आंकड़ा जारी नहीं किया था।