कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने गुरुवार को कहा है कि कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। कल से यानी शुक्रवार से बजट सत्र शुरू होने वाला है। गुलाम नबी ने कहा, कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे।
दलों की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी कर ये बातें कही गई है। इसमें सबसे ज्यादा जोर किसान आंदोलन और कृषि कानून पर दिया गया है। इन 16 राजनीतिक दलों में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना के अलावा डीएमके, एसपी, सीपीआई(एम), सीपीआई, आरएसपी, पीडीपी, केरल कांग्रेस,एआईयूडीएफ और तृणमूल कांग्रेस शामिल है।
शुक्रवार को संसद सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होगा। विपक्ष का कहना है कि वो बजट सत्र में किसानों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी।
अपने संयुक्त बयान में राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा है। कहा है कि देश के किसान लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। आधी से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और केंद्र किसानों के साथ ज्यादती कर रही है। दिल्ली की सर्दी में करीब 64 दिनों से अपने अधिकार और न्याय के लिए किसान संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, इस आंदोलन में अब तक 155 किसानों की मौत हो चुकी है। दलों ने आरोप लगाया है कि इस बिल को बिना राज्यों के साथ चर्चा के लाया गया। यदि इसे वापस नहीं लिया जाता है तो ये संविधान के संघीय भावनाओं का हनन होगा।