कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि चीन ने अप्रैल, 2020 की यथास्थिति बहाल करने की भारत की मांग मानने से मना कर दिया है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि सरकार को बताना चाहिए कि चीन के नियंत्रण से 1000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कब वापस लिया जाएगा?
उन्होंने ट्वीट किया, "चीन ने अप्रैल, 2020 की यथास्थिति बहाल करने की भारत की मांग मानने से मना कर दिया। प्रधानमंत्री ने चीन को, लड़े बिना ही 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र सौंप दिया।" राहुल ने सवाल किया, "क्या भारत सरकार बता सकती है कि यह क्षेत्र कब वापस लिया जाएगा?"
भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी (पेट्रोलिंग प्वाइंट) 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त सत्यापन किया है। इससे पहले दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने के साथ अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया था। यह जानकारी इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने मंगलवार को दी।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया। दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने उस टकराव वाले बिंदु से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के समापन के बाद एक बैठक की जहां दोनों पक्षों में दो साल से अधिक समय से गतिरोध था।
गौरतलब है कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया।
दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों को दौड़ाकर अपनी तैनाती बढ़ा दी। सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र में विघटन की प्रक्रिया पूरी की।
पैंगोंग झील क्षेत्र में विघटन पिछले साल फरवरी में हुआ था, जबकि गोगरा में गश्ती बिंदु 17 (ए) में सैनिकों और उपकरणों की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी।