पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी मामलें में दोषियों को सरकार के चार साल के कार्यकाल में भी सजा दिलानें में विफल रही कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सरकार अपने ही मंत्रियों व विधायकों के निशाने पर है। पंजाब कांग्रेस की इस बढ़ती कलह का तोड़ निकालने के लिए पार्टी हाईकमान ने वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में जय प्रकाश अग्रवाल और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत वाली कमेटी के समक्ष मंत्रियों व विधायकोें का दिल्ली तलब किया है। कमेटी की पहली बैठक में भाग लेने साेमवार को 8 केबिनेट मंत्रियों समेत 25 विधायक गए हैं।
कैबिनेट मंत्रियों में ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत बादल, ओपी सोनी, साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा, अरुणा चौधरी, सुखजिंदर रंधावा, बलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं, जबकि स्पीकर राणा केपी सिंह के अलावा, विधायकों में राणा गुरजीत सिंह, रणदीप सिंह नाभा, संगत सिंह गिलजियां, गुरकीरत कोटली, कुलजीत नागरा, पवन आदिया, राजकुमार वेरका, इंदरबीर बुलारिया, सुखविंदर सिंह डैनी, सुरजीत धीमान, अजायब सिंह भट्टी, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, अंगद सिंह, सुखपाल भुल्लर हैं। सूत्रों मुताबिक कांग्रेस के दिल्ली दरबार(पार्टी मुख्यालय) में हाजिरी के लिए कैप्टन के खिलाफ बागी हुए विधायक एंव पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू रविवार की शाम ही दिल्ली पहुंच गए। हालांकि सिद्धू को सोमवार को होने वाली विधायकों की बैठक सूची में शामिल नहीं किया गया है। सिद्धू मंगलवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। इस दिन 8 मंत्री और बाकी के विधायक कमेटी के सामने पेश होंगे।
पंजाब कांग्रेस में गहराए संकट से पार पाने का मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली कमेटी पार्टी के पंजाब के सांसदों, विधायकों और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से बात करेगी। इसके बाद कमेटी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी कर सकती है। कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी और उसकी रिपोर्ट को पिछले माह हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। एसआईटी को खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई थी। कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू ने लगातार इसे लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा, सांसद रवनीत बिट्टू एकजुट है।