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भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई की तलाशी राजनीति से प्रेरित: कांग्रेस

कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई की...
भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई की तलाशी राजनीति से प्रेरित: कांग्रेस

कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है और वह इस तरह की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव ऐप घोटाले के सिलसिले में कांग्रेस नेता बघेल के आवास पर छापेमारी की।

उन्होंने बताया कि एजेंसी की टीमों ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवासों के साथ-साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी छापेमारी की।

सूत्रों ने बताया कि तलाशी में दुर्ग जिले के भिलाई शहर में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और आईपीएस अधिकारियों आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव और आरिफ शेख के परिसरों को भी शामिल किया गया।

बघेल ने कहा कि सीबीआई ने कांग्रेस की बैठक के लिए नई दिल्ली जाने से पहले उनके आवास पर छापेमारी की। कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, बघेल के कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अब सीबीआई आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी बैठक के लिए गठित "मसौदा समिति" की बैठक के लिए आज दिल्ली जाने वाले हैं।"

इसमें कहा गया है, "इससे पहले सीबीआई रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर पहुंच चुकी है।"

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि भाजपा ने सभी "असफल छापों और असफल षड्यंत्रों" के बाद बघेल और यादव के पीछे सीबीआई को भेजा। उन्होंने आरोप लगाया, "आज सुबह से सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घरों पर डेरा डाले हुए है, यह सरकार की हताशा के अलावा और कुछ नहीं है।" 

उन्होंने कहा, "लेकिन एक बात याद रखें- न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी। यह लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं है, बल्कि हर उस सच की है जिसे सत्ता के बल पर कुचलने की कोशिश की जा रही है। भाजपा को याद रखना चाहिए- सत्य झुकता नहीं है, अन्याय का अंत निश्चित है।"

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने भी कार्रवाई की निंदा की और दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां बघेल को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं।

सिंहदेव ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, "एजेंसियों द्वारा पूर्व सीएम भूपेश बघेल जी को बार-बार परेशान करने का प्रयास निंदनीय है। यह केवल भूपेश जी की छवि को धूमिल करने का भाजपा का असफल प्रयास है। राज्य की भाजपा सरकार सरकार चलाने में असमर्थ है, इसलिए वह जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के प्रयास कर रही है।"

उन्होंने दावा किया कि पहले ईडी, फिर सीबीआई, जांच एजेंसियां भाजपा की 'बी' टीम के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्रीय एजेंसी केवल विपक्षी नेताओं को धमकाने और परेशान करने का हथियार बन गई है। भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का उल्लंघन है।"

राज्य कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा की आलोचना की और दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी बघेल से डरी हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया, "जब से बघेल पंजाब के पार्टी प्रभारी बने हैं, भाजपा डरी हुई है। पहले उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय भेजा गया और अब सीबीआई भेजी गई है। यह भाजपा के डर को दर्शाता है। जब भाजपा राजनीतिक रूप से लड़ने में विफल हो जाती है, तो वह अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है।"

शुक्ला ने कहा, "न तो भूपेश बघेल और न ही कांग्रेस पार्टी डरी हुई है। देश और राज्य की जनता भाजपा की इन दमनकारी नीतियों से अच्छी तरह वाकिफ है।"

शुक्ला ने बताया कि इससे पहले भी सीबीआई ने सात साल पुराने कथित सीडी मामले में बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन अदालत ने हाल ही में उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाला मामले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। राज्य सरकार ने पिछले साल विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कथित महादेव घोटाले से संबंधित 70 मामले और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सीबीआई को सौंप दिया था।

ईओडब्ल्यू की एफआईआर में महादेव ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य के साथ बघेल को आरोपी बनाया गया है। बघेल ने ईओडब्ल्यू की एफआईआर को "राजनीति से प्रेरित" बताया था।

उल्लेखनीय है कि ईडी महादेव ऐप से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रही है, जिसका खुलासा राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। ईडी ने इस मामले में पहले भी राज्य में कई छापे मारे थे और मामले में अभियोजन शिकायतें (आरोप पत्र) दायर की थीं, जिनमें कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रमोटरों - चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ भी आरोप शामिल थे।

ईडी ने पूर्व में दावा किया था कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। इस ऐप के दो मुख्य प्रमोटर चंद्राकर और उप्पल इसी राज्य से हैं।

इसने कहा था कि यह ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और 'बेनामी' बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन शोधन करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है।

बताया जा रहा है कि ऐप के दो मुख्य प्रमोटरों को ईडी द्वारा अनुरोधित इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया है। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।

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