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सीबीएसई पेपर विवाद: प्रियंका के बाद अब सोनिया गांधी ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, कही ये बात

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) टर्म-1 बोर्ड की अंग्रेजी विषय की परीक्षा इस समय विवादों में...
सीबीएसई पेपर विवाद: प्रियंका के बाद अब सोनिया गांधी ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, कही ये बात

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) टर्म-1 बोर्ड की अंग्रेजी विषय की परीक्षा इस समय विवादों में है। मामले को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस, भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र की भाजपा सरकार समेत सीबीएसई पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर महिलाओं को पीछे ढकेलने वाली विचारों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। 

लोकसभा में भी सुनाई दी गूंज

सीबीएसई अंग्रेजी विषय के पेपर में आए एक प्रश्न को लेकर उठे विवाद की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीबीएसई कक्षा 10वीं अंग्रेजी विषय के पेपर में  कथित तौर पर स्त्री विरोधी सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सीबीएसई और सरकार से सवाल को लेकर माफी मांगने को कहा है। सोनिया गांधी ने इसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा समीक्षा "गंभीर चूक" बताते हुए सीबीएसई से परीक्षा में पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न को तत्काल वापस लेने की मांग की है। 

इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर जताई थी आपत्ति

इस प्रश्न पत्र पर सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी आपत्ति जताई और कहा ये सवाल 'जेंडर स्टीरियोटाइप' को बढ़ावा देने वाला है। दरअसल प्रियंका ने 10वीं के प्रश्न पत्र पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘अविश्वसनीय! हम बच्चों को क्या बकवास सिखा रहे हैं? इसके अलावा प्रियंका ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या बीजेपी सरकार महिलाओं के खिलाफ ऐसे विचारों का समर्थन करती है, अगर नहीं तो ऐसे सवालों को सीबीएसई के क्वेश्चन पेपर में क्यों शामिल किया गया है।'

 सीबीएसई ने दी है सफाई

वहीं, इस मामले में सीबीएसई ने सफाई देते हुए बयान जारी करते हुए कहा कि 10वीं बोर्ड की इंग्लिश विषय की परीक्षा के एक पेपर सेट में कुछ माता-पिता व छात्रों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं। जिसमें एक पैसेज पर इन्होंने कहा है कि पैसेज में दिया गया विवरण परिवार को पीछे ले जाने वाली धाराणओं का समर्थन करता है और कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देता है। इस मामले को विषय विशेषज्ञों (सब्जेक्ट एक्सपर्ट) के पास  भेजा। बोर्ड की यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया है। विशेषज्ञ इस पर अपनी राय देंगे। बोर्ड ने इंग्लिश के सेट पेपर 002/1/4  की उत्तर विकल्पों व आंसर की के संबंध में भी यह स्पष्ट किया है कि इस पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट की राय है कि पैसेज में कई व्याख्याओं का विवरण दिया गया है। बोर्ड छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई करेगा। 

दरअसल, इस पैसेज में टीनएजर्स (13 से 19 वर्ष की आयु) के जीवन शैली के बारे में बताया गया है कि कैसे वह अपनी ही दुनिया में जब जीने लगते हैं। जब परिवार में महिला अपनी इच्छा से समाज में आगे बढ़कर अपना करियर चुनती है और समाज में एक नाम-पहचान हासिल करती है। तब परिवार में माता-पिता का बच्चों पर से अधिकार कम होने लगता है। बच्चे यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि वह दोनों में किस की सुने। महिलाओं को परिवार में अनुशासन बनाए रखने के लिए अपने पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

साथ ही एक महिला, मां होते हुए अपने पति के तरीके को स्वीकार करेगी, तभी उसके छोटे बच्चे अपनी मां की आज्ञा का पालन करेंगे। महिला उद्धार ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को खत्म कर दिया है। इस तरह के कई वाक्य इंग्लिश के इस पेपर में मौजूद हैं, जो इस तरह की व्याख्याएं करते हैं। इस पैसेज में पिछली सदी के विचारों का उल्लेख किया गया है, साथ में 20वीं सदी में महिलावादी विद्रोह होने के बाद से परिस्थितियों में बदलाव की व्याख्याओं के संदर्भ में इसे बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को कम करने की बात कही गई है। 

बीते शनिवार 11 दिसंबर,2021 को हुई सीबीएसई की 10वीं बोर्ड की टर्म-1 अंग्रेजी विषय की परीक्षा के पेपर सेट  002/2/4 में भी दो गलतियों पर भी शिक्षकों व छात्रों ने सवाल उठाए थे। इस पर भी सीबीएसई बोर्ड ने अपनी सफाई दी थी। दरअसल, सेट 002/2/4 में सेक्शन-ए रीडिंग में प्रश्न संख्या 13 व 14 दोनों की हेडिंग गायब थी। इसके अलावा प्रश्न संख्या 43 में भी चार विकल्पों - ए,बी,सी व डी में से सी और डी विकल्प एक समान थे। हालांकि, प्रश्न संख्या 43 का सही उत्तर बी था। 

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