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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर कांग्रेस खेमे में जश्न, खड़गे बोले, 'इससे जनता को राहत मिलेगी'

"मोदी उपनाम टिप्पणी" मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद...
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर कांग्रेस खेमे में जश्न, खड़गे बोले, 'इससे जनता को राहत मिलेगी'

"मोदी उपनाम टिप्पणी" मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद सोमवार को कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई। यह घोषणा होते ही कांग्रेस के खेमे में जश्न शुरू हो गया। कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता आदि सभी एक दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आए। अध्यक्ष खड़गे ने फैसले का स्वागत किया।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने जश्न मनाया। खड़गे ने इस मौके पर भाजपा और मोदी सरकार से एक अनुरोध भी किया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, "श्री राहुल गांधी का सांसद पद पर बहाल।होना, स्वागत योग्य कदम है। इससे भारत की जनता और खासकर वायनाड के लोगों को राहत मिलेगी। भाजपा और मोदी सरकार को अपने कार्यकाल का जो भी समय बचा है, उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के बजाय वास्तविक शासन पर ध्यान केंद्रित करके करना चाहिए।"

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "स्पीकर ने आज फैसला लिया। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के तुरंत बाद हमने इसे बहाल कर दिया।" सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "जहां तक कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी का सवाल है तो मैं उन्हें सदस्यता बहाल होने पर बधाई देना चाहता हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट को भी बधाई देता हूं। इस फैसले के बाद लोकतंत्र और न्यायालय पर विश्वास बढ़ा है।"

इधर, कांग्रेस सांसद पी.चिदंबरम का कहना है, "हमें खुशी है कि स्पीकर ने आज फैसला लिया। वह (राहुल गांधी) अब लोकसभा में भाग ले सकते हैं।" समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, ''मैं राहुल गांधी को बधाई देती हूं और बहाली में देरी नहीं करने के लिए स्पीकर को धन्यवाद देती हूं।''

राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, "देशभर में एक संदेश गया है। यह बीजेपी नेताओं द्वारा की गई साजिश थी क्योंकि उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता का डर था। बीजेपी बेनकाब हो गई है। अगर कोई है जो पीएम मोदी को टक्कर दे रहा है, तो के राहुल गांधी हैं।"

कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, "सत्य की जीत हुई...संसद में फिर जनता की आवाज बुलंद होगी। राहुल गांधी जी की संसद की सदस्यता बहाल होने से लोकतंत्र को बचाने, जनता के मुद्दों को उठाने के लिए किए जा रहे संघर्ष को नया बल मिलेगा। INDIA को सशक्त बनाने की दिशा में सब मिलकर आगे बढ़ेंगे, एक उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेंगे।"

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर कहा, "लोकसभा सचिवालय ने आज उनकी सदस्यता बहाल कर दी। यह सच्चाई की जीत है। लोग लोकसभा में राहुल गांधी को सुनना चाहते हैं।"

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम ने कहा, ''हम सदन में उनका दोबारा स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। और इससे हमारी टीम मजबूत होगी। कल अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, इससे हमारे तर्कों को बल मिलेगा कि इस सरकार ने भारत का विश्वास क्यों खो दिया है। मुझे पूरा यकीन है कि वह (राहुल गांधी) अविश्वास प्रस्ताव में भाग लेंगे।”

 

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "सूरज हूं अंधेरा चीर कर मैं रोज़ निकलूंगा, मुझे न रोक पाओगे..उजाला रोकने वालों ! 'तानाशाह' की तमाम साजिशें नाकाम हुईं.. सच, साहस और संकल्प से भरे..देश के लिए समर्पित तपस्वी की जीत हुई ! जननेता राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता बहाली के साथ ही एक बार फिर से देश के हौसलों और मजबूत इरादों की जीत हुई !"

"23 मार्च को निचली अदालत से एक फ़रमान आया और 24 मार्च को राहुल जी की संसद सदस्यता छीन ली गई ! मगर 4 अगस्त को सर्वोच्च अदालत का फ़ैसला आया, मगर सच्चाई से इतना खौफ कि सदस्यता बहाली में 7 अगस्त तक लग गए! बहरहाल जनता की 'बेखौफ आवाज़' अब ज़रूर फिर से संसद में भी गूंजेगी और 'संसद से भागने' वालों को को 'पानी पी पी कर' ही सही..देश को हिसाब तो देना पड़ेगा !"

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे विपक्षी गुट INDIA को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार को चिंता थी कि राहुल गांधी उसके बुरे आचरण का पर्दाफाश कर देंगे। गांधी आम आदमी के हित में लोकसभा में आवाज उठाते रहेंगे। राहुल गांधी ने लोकसभा में राफेल जेट (सौदा) और अडानी समूह से संबंधित मुद्दे उठाए। उन्होंने हमेशा केंद्र सरकार के "गलत फैसलों" की आलोचना की और वह ऐसा करना जारी रखेंगे।''

शिवसेना (यूबीटी) के लोकसभा सदस्य अरविंद सावंत ने भी संसद के निचले सदन में गांधी की वापसी का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “देश की आज़ादी ख़तरे में है। हम लोकसभा में गांधी की वापसी का स्वागत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार की साजिश के चेहरे पर करारा तमाचा है। गुजरात उच्च न्यायालय से पूछा जाना चाहिए कि पिछले साल राज्य चुनाव से पहले गुजरात में (मोरबी) पुल के ढहने के पीछे के लोगों का क्या हुआ? कई लोग मारे गए, लेकिन हमें अभी भी नहीं पता कि उस मामले में किसे दोषी ठहराया गया था।"

 

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ''यह हमारे लिए शुभ क्षण है कि राहुल गांधी की (लोकसभा) सदस्यता बहाल हो गई है, जिसे एक साजिश के आधार पर रद्द कर दिया गया था।''

 

कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने कहा, "हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और यही होना ही था। उन्हें (राहुल गांधी) गलत तरीके से संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि सरकार डर गई थी।"

 

कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, "यह स्वागतयोग्य फैसला है, न्याय की जीत हुई है। हमें बहुत खुशी है कि राहुल गांधी संसद में वापस आएंगे और इससे भारतीय गठबंधन और लोकतंत्र को बड़ी ताकत मिलेगी।"

इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और पार्टी के अन्य नेताओं ने एक-दूसरे को मिठाइयां दीं। जश्न सोनिया गांधी के आवास के बाहर भी शुरू हुआ, जहां पार्टी कार्यकर्ता नाचते नजर आए।

गौरतलब है कि 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी जिससे उनके सांसद पद पर बहाल होने का रास्ता साफ हो गया। आपको बता दें कि राहुल गांधी केरला के वायनाड से लोकसभा सांसद चुने गए थे।

बता दें कि गांधी को 24 मार्च को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब एक दिन पहले गुजरात के सूरत में मेट्रोपॉलिटन अदालत ने उन्हें मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 7 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

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