राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र राज्यों पर आयातित कोयला खरीदने का दबाव बना रहा है, जिसकी कीमत देश में उत्पादित कोयले से तीन गुना अधिक है।
उन्होंने केंद्र से आयातित कोयले की खरीद की आवश्यकता को दूर करने का भी आग्रह किया, जिसे उन्होंने कुल खरीद का 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
एक विज्ञप्ति के अनुसार, गहलोत ने कहा कि आयातित कोयले की कीमत कोल इंडिया द्वारा प्रदान की गई कीमत से तीन गुना अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राजस्थान आयातित कोयले की खरीद करता है तो उसे 1,736 करोड़ रुपये का बोझ उठाना पड़ सकता है।
गहलोत के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया है, "केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 4 प्रतिशत आयातित कोयला सम्मिश्रण के लिए एक सलाह जारी की थी और अप्रैल में, इसे 10 प्रतिशत खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है।"
विज्ञप्ति में कहा गया, "इस आयातित कोयले की कीमत कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा दिए जा रहे कोयले की कीमत से तीन गुना अधिक है। इसकी लागत लगभग 1,736 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो घरेलू कोयले की लागत से काफी अधिक है।"
मुख्यमंत्री ने आयातित कोयले के कारण आम उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ पड़ने पर चिंता व्यक्त की।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को राज्य में बिजली उत्पादन इकाइयों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने और उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए। सीएम ने दुर्घटना संभावित बिजली लाइनों की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए।