राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव हारने के बाद विभाजनकारी राजनीति कर रही है। पवार ने एनसीपी के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उनके भाषणों के लिए निशाना साधा। दिल्ली में जो कुछ हो रहा है उसकी 100 फीसदी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है क्योंकि कानून व्यवस्था के लिए वही जिम्मेदार है।
‘दिल्ली में जोहो रहा है उसकी 100 फीसदी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की’
शरद पवार ने कहा, 'संविधान के अनुसार, जनप्रतिनिधि और सत्तारूढ़ दल दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है। यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसलिए दिल्ली में जो कुछ हो रहा है उसकी 100 फीसदी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, क्योंकि कानून व्यवस्था के लिए वही जिम्मेदार है।'
'पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी जल रही है’
उत्तरपूर्वी दिल्ली में हाल की सांप्रदायिक हिंसा में 46 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी जल रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ दल वहां विधानसभा चुनाव नहीं जीत सका और उसने सांप्रदायिकता को हवा देकर समाज को बांटने का प्रयास किया।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव प्रचार का लक्ष्य समाज में दरार पैदा करना तथा धार्मिक भावनाओं को आहत करना था।
धार्मिक भेदभाव करने वाली बयानबाजी करना चिंताजनक बात
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'देश का प्रधानमंत्री सभी धर्मों का, लोगों का और राज्यों का होता है। वह पूरे देश का होता है। ऐसे पद पर आसीन व्यक्ति का (चुनावी भाषणों में) धार्मिक भेदभाव करने वाली बयानबाजी करना चिंताजनक बात है।' उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह एवं अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी ऐसे ही बयान दिए थे। पवार ने कहा कि अपनी शक्ति का इस्तेमाल लोगों की सुरक्षा एवं संरक्षा सुनिश्चित करने में करने की बजाए भाजपा के कुछ मंत्री 'गोली मारो......' जैसे बयान दे रहे हैं और समाज के एक वर्ग को भयभीत करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह बेहद निदंनीय है।'
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों के एक वर्ग पर हमला हो रहा था, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति का दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा था।