कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की अटकलों के बीच येदियुरप्पा ने कहा है कि अभी उन्हें आलाकमान से कोई भी संदेश नहीं मिला है तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कर्नाटक में कामकाज के लिए सीएम येदियुरप्पा की खुलकर तारीफ की। इस बीच राज्य के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के मठाधीशों ने चेतावनी दी है कि येदियुरप्पा हटे तो भाजपा को कष्ट भोगना पड़ेगा। लिंगायत समुदाय अपना समर्थन भाजपा से वापस ले लेगा। इसके साथ ही रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री पर फैसला आज ही हो सकता है। येदियुरप्पा ने कहा कि आलाकमान से अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। आज रात या कल सुबह तक मुझे पता चल जाएगा।. इसके अलावा, कल हम दो साल पूरे होने की सालगिरह मनाएंगे। कल आलाकमान से जानकारी मिलने के बाद ही फैसला लूंगा।'
गोवा दौरे के दूसरे और अंतिम दिन, जेपी नड्डा ने कहा, 'येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है। कर्नाटक में सब अच्छा चल रहा है। येदियुरप्पा अपने तरीके से काम कर रहे हैं।' जब उनसे पूछा गया कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व का संकट है तो वह बोले, 'ऐसा आपको लगता है, हमें नहीं लगता।' उनके इस बयान से कुछ देर पहले ही येदियुरप्पा ने संकेत दिया था कि वह 26 जुलाई को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ सकते हैं।
येदियुरप्पा ने दोहराया कि वह केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेंगे। वह 'खुश और संतुष्ट हैं' और अनुशासन का उल्लंघन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे वह सब पद मिले तो कर्नाटक में किसी और को नहीं मिले होंगे। उसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभारी हूं।'
वहीं, कर्नाटक में रविवार को लिंगायत समुदाय के सभी मठाधीशों ने बैठक की। बैठक में एकजुट फैसला मौजूदा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के पक्ष में लिया गया। मठाधीशों ने कहा कि अगर येदियुरप्पा को हटाया गया तो एक आंदोलन होगा। उधर, येदि ने कहा है कि आलाकमान का फैसला उन्हें मंजूर होगा।
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय 17% के आसपास है। राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से तकरीबन 90-100 सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। राज्य की तकरीबन आधी आबादी पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा के लिए येदि को हटाना आसान नहीं होगा। उनको हटाने का मतलब इस समुदाय के वोटों को खोना होगा।