पश्चिमी यूपी के कैराना और नूरपुर उपचुनावों से पहले भाजपा ने रालोद को तगड़ा झटका दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि मानी जाने वाली छपरौली रालोद का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन रालोद के छपरौली विधायक ने तीन ब्लॉक प्रमुखों और 30 प्रधानों समेत भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
पश्चिमी यूपी में भाजपा ने रालोद के गढ़ में सेंध लगा दी है। राज्यसभा चुनाव के दौरान रालोद विधायक सहेंद्र सिंह रमाला पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगा था, जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में रालोद की भूमिका पर सवाल उठने पर गठबंधन को लेकर विचार करने की बात कही थी। इसके बाद रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह ने अपने एक मात्र विधायक सहेंद्र सिंह रमाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। हालांकि रमाला ने पार्टी से निष्कासित किए जाने पर रालोद मुखिया पर ही सवालिया निशान लगा दिए थे कि उन्होंने राज्यसभा में वोट देने को लेकर कोई साफ निर्देश नहीं दिए थे।
सोमवार को रमाला को लखनऊ में भाजपा मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ़ महेंद्र नाथ पांडेय ने सदस्यता ग्रहण कराई। विधायक के साथ ब्लॉक प्रमुख बलराज, संजीव सिंह और प्रह्लाद सिंह सहित करीब 30 प्रधानों ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके अलावा सपा के महासचिव जवाहर साहू ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही 16वीं विधानसभा और विधान परिषद में राष्ट्रीय लोकदल का प्रतिनिधित्व समाप्त हो गया है।
इस अवसर पर डॉ़ महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कांग्रेस से इसलिए अलग हुए थे, क्योंकि गरीबों और पिछड़ों के लिए कार्य नहीं किया जा रहा था। मैंने उनके साथ काम किया है और चौधरी चरण सिंह के सपनों को भाजपा साकार कर रही है। रालोद के पश्चिमी यूपी प्रभारी राजकुमार सांगवान ने कहा कि नैतिकता के नाते विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उस जनता विश्वासघात से किया है, जिसने रालोद के सिंबल पर वोट देकर, उन्हें विधायक बनाया। विधायक ने जनता के साथ विश्वासघात किया है और जनता से माफी मांग कर इस्तीफा दें।