गौर हो कि विधायक आरके राय को पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश कर दी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास निलंबन का प्रस्ताव पीसीसी समन्वय समिति ने भेज दिया।
राय ने कहा कि मुझे इसलिए पार्टी से निकाला जा रहा है क्योंकि मैंने गधे को गधा कहा है। भले मुझे पार्टी निकाल दे, मैं गधे को घोड़ा नहीं कहूंगा। गौरतलब है कि आरके राय ने राहुल गांधी को लेकर जमकर बयानबाजी की थी।
मीडिया ने प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद से सवाल किया कि जोगी की सभाओं में बिल्हा के विधायक सियाराम कौशिक लगातार शामिल हो रहे हैं। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं? तब हरिप्रसाद ने कहा कि सभी लोगों ने केवल राय पर कार्रवाई करने का ही निर्णय लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समन्वय समिति की बैठक में राज्यसभा सांसद छाया वर्मा से पूछा गया कि आप जब विधायक कौशिक से मिलने गई थी तब क्या बात हुई? तब छाया वर्मा ने बताया कि विधायक कौशिक का रुझान जोगी की पार्टी की तरफ ही है। लेकिन उनके पुत्र की निष्ठा कांग्रेस में ही है। तब समिति के सदस्याें ने राय पर ही कार्रवाई करने का निर्णय लिया। कौशिक के मामले को पेंडिंग रखने पर निर्णय हुआ।
समन्वय समिति में कोटा की विधायक रेणु जोगी पर किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। संभावना है कि आने वाले दिनों में कौशिक और उसके बाद जोगी समर्थक कहे जाने वाले अन्य विधायकों की भी निष्ठा परखते हुए कार्रवाई की जाएगी।