कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि जेटली राजकोषीय एकीकरण टेस्ट में फेल हो गए हैं। उनकी यह विफलता चिंता बढ़ाने वाली है। उन्होंने कहा कि बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे आम आदमी को लाभ हो। दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चिदंबरम के आरोपों को गलत बताया है।
Farm sector stress will continue.Medical health care is a big jumla. Nothing in the budget to boost private https://t.co/vNpIrUWEcX tax relief to the average tax payer. Is the FM serious?- P Chidambaram #UnionBudget2018 pic.twitter.com/mO3ry9LdCe
— ANI (@ANI) February 1, 2018
चिदंबरम ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तनाव जारी रहेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल एक बड़ा जुमला है। उन्होंने कहा कि निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। यहां तक की औसत टैक्स देने वालों को टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या वित्त मंत्री गंभीर हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैंने आयात को बढ़ावा देने के लिए एक भी उपाय नहीं सुना। जेटली ने आयात को कम करने के लिए अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी लगा दिया है। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण और दावोस की भावना को चंद दिनों में ही भूला दिया गया।
The govt has attempted to pay lip service to farmers and to other marginalised sections of society but it is a classical case of too less and completely at the inappropriate time: Manish Tewari, Congress #UnionBudget2018 pic.twitter.com/npQLkF2oHn
— ANI (@ANI) February 1, 2018
वहीं एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में किसानों और समाज में हाशिए पर पड़े लोगों के प्रति दिखावटी प्रेम दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि राहत के लिए जो घोषणाएं हैं वे काफी कम और अनुचित समय पर की गई हैं। तिवारी ने कहा कि बजट से आम लोगों के हाथ कुछ नहीं लगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व वित्त मंत्री के आरोपों के जवाब में कहा कि चिदंबरम साहब ने देश की अर्थव्यवस्था को दिवालिया कर दिया था। बैंकों की हालत खराब हो गई थी और संसाधन अमीरों को सौंप दिए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पारदर्शी और नीति आधारित प्रशासन दे रहे हैं। प्रधान ने कहा कि चिदंबरम को 2014 में जवाब मिल चुका है।
Chidambaram Sahab had made economy of country bankrupt. Banks were in bad state & had handed over the resources to the rich. PM is giving transparent, policy based administration. Chidambaram was given answer in 2014: Dharmendra Pradhan on P. Chidambaram's remarks on #Budget2018 pic.twitter.com/iUWFHLLHM6
— ANI (@ANI) February 1, 2018