Advertisement

राजन के समर्थन में चिदंबरम बोले, क्या उनके लायक है मोदी सरकार

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को दुनिया के सबसे बेहतर अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देखने वाली महत्वपूर्ण बात तो यह है कि क्या मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक है।
राजन के समर्थन में चिदंबरम बोले, क्या उनके लायक है मोदी सरकार

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन की आलोचना और उन्हें पद से हटाने की मांग से छिड़े विवाद के बीच पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम खुलकर राजन के समर्थन में आ गए हैं। चिदंबरम ने राजन पर प्रहारों के लेकर मोदी सरकार पर ही सवाल खड़े किए। राजन को दूसरा कार्यकाल दिए जाने से संबंधित एक सवाल पर चिदंबरम ने कहा, मैं तो यह सोचने लगा हूं कि क्या यह सरकार डॉक्टर राजन को रखने लायक भी है या नहीं। कांग्रेस मुख्यालय में मोदी सरकार के दो साल पूरा होने पर पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने पहले तो राजन पर स्वामी के प्रहार से जुड़े सवालों को टाला और कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर तभी कुछ कहेगी जब प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री राजन के खिलाफ कुछ बोलते हैं। राजन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, संप्रग सरकार ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में से एक को आरबीआई का गवर्नर बनाया। हमने उस समय उनमें पूरा भरोसा दिखाया और आज भी हमें उन पर भरोसा है।

 

यह पूछने पर कि क्या वित्त मंत्री के तौर पर उन्हें भी राजन के ब्याज दर पर रुख से आपत्ति थी, चिदंबरम ने कहा कि संप्रग सरकार के सभी केंद्रीय बैंक गवर्नरों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे जिनमें मौजूदा गवर्नर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, दुनिया भर में वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर के बीच ऐसे संवाद होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वित्त मंत्री आरबीआई गवर्नर की कार्यक्षमता पर सवाल खड़ा करता है। हर कोई अपनी-अपनी दृष्टि से अर्थव्यवस्था को देखता है। सरकार की दृष्टि वृद्धि है। केंद्रीय बैंक के मुख्य केंद्र में मौद्रिक स्थिरता होती है। उन्होंने राजन के अंधों में काना राजा की विवादास्पद टिप्पणी पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना के संबंध में कहा कि यहीं मतदान करवा लें कि इसमें कौन सही और कौन गलत है।

 

रगुराम राजन का तीन साल का कार्यकाल सितंबर के पहले सप्ताह में खत्म हो रहा है। स्वामी ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राजन को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने आरबीआई गवर्नर पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्य नीतिगत दर को लगातार ऊंचा बनाए रखा जिससे न केवल घरेलू, लघु एवं मध्यम उपक्रमों में मंदी आई बल्कि उत्पादन में भी भारी गिरावट आई। अर्ध-कुशल कामगारों को भी भारी बेरोजगारी के दौर से गुजरना पड़ा।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad