लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने के बाद अब कांग्रेस राज्यसभा में भी इस बिल का विरोध करेगी। कांग्रेस इसके लिए समान विचारधारा वाले सियासी दलों से बात कर रही है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि इस विधेयक को लेकर संसद में रणनीति एक ही है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक मानती हैं। आजाद ने कहा है कि ये बिल भारत की सभ्यता के खिलाफ है।
डट कर विरोध करेगी कांग्रेस
गुलाम नबी आजाद का कहना है कि कांग्रेस इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लोकसभा में कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया था, उसी तरह उच्च सदन में भी पार्टी बिल का विरोध करेगी। भाजपा की दलीलों को नकारते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह सवाल माइनॉरिटी और मेजॉरिटी का नहीं है, यह प्रश्न संविधान का है और यह बिल संविधान के खिलाफ है।
आजाद ने कहा कि उन्होंने 12 से 13 राजनैतिक पार्टियों की मीटिंग ली हैं, जिसमें सभी ने तय कि है कि वो नागारिकता संशोधन बिल के खिलाफ में वोट करेंगे।
वाम दलों ने भी किया विरोध
सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर वामपंथी पार्टियों ने भी मंगलवार को प्रदर्शन किया था। वामपंथी दलों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। वामपंथी पार्टियों का कहना है कि यह देश के संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है जो हमें स्वीकार नहीं है। वामपंथी पार्टियों के सांसदों का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही है।
गुलाम नबी बोले- ये भाजपाका संविधान
संविधान धर्म की बुनियाद पर कानून बनाने के लिए नहीं कहता है, लेकिन यह बिल तो धर्म के आधार पर बनाया गया है। यह बिल असंवैधानिक है। इस देश में वह दो संविधान चलाना चाहते हैं, एक तो वह जो संविधान सभा ने पास किया है, दूसरा जो भाजपा का संविधान है, जिसके माध्यम से वह काम कर रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में बिल को लेकर हो रहे विरोध पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कि इस विधेयक का सब जगह विरोध किया जा रहा है क्योंकि वहां के लोग भी आक्रोश में है।
राज्यसभा से भी पास हो गया ये बिल तो क्या होगा
आज अगर राज्यसभा से भी ये बिल पास हो गया तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए लाखों करोड़ो अल्पसंख्यक शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता लेना आसान हो जाएगा। इस बिल का जबरदस्त विरोध भी हो रहा है। राज्यसभा में बिल पर चर्चा दोपहर दो बजे शुरू होगी। बहस के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है।