कांग्रेस ने कहा है कि नोटबंदी से नक्सलवाद और आतंकवाद पर लगाम लगने का केंद्र सरकार का दावा भी खोखला साबित हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव शुक्ला ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि नोटबंदी के बाद नक्सलवाद और आतंकवादियों की कमर टूट गई है। उनके पैसे खत्म हो गए हैं। लेकिन, इस साल ही 250 से ज्यादा नक्सली हमले हो चुके हैं। शुक्ला ने कहा कि गुरुवार को झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में एक नक्सली हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और 56 लैंडमाइंस विस्फोट हुए। इसी तरह 11 नवंबर को लैंडमाइंस विस्फोट हुआ था जिसमें चार जवान मारे गए थे। इस साल नक्सली हमलों में 69 सुरक्षाकर्मी और 86 आम लोग मारे गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट बताती है कि जितने माओवादी ग्रुप हैं वह फिर से इकट्ठा हो रहे हैं और रेड कॉर्नर से बाहर भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। इसमें काफी संख्या में युवक शामिल हो रहे हैं। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से इस साल हुए 250 नक्सली हमले छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, बिहार, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हुए हैं। आतंकवादियों के पास से दो हजार रुपये के नकली नोट बरामद हो रहे हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय को देश के लोगों को विश्वास में लेकर बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
राजीव शुक्ला ने कहा कि जहां तक मूडी रिपोर्ट का सवाल है तो नीचे कुछ और हकीकत है और ऊपर से रिपोर्ट कुछ और बता रही है। देशी एजेंसी से कोई रिपोर्ट नहीं आ रही है। सब विदेशी एजेंसी से है। लगता है सारा चुनाव इस बार भाजपा वाशिंटगन से लड़ रही है। हर महीने एक विदेशी रिपोर्ट लेकर आ जाते हैं ।