मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल लगातार जारी है। अब बागी कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने मंगलवार को कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने विधायकों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायकों को 15 मिनट भी नहीं देते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि बागी विधायकों के समूह को बंधक नहीं बनाया गया है।
मंगलवार को बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों की प्रेस वार्ता में बोलते हुए उन्होंने कहा, "कमलनाथ जी ने हमें 15 मिनट भी नहीं सुना। फिर हमें अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए किससे बात करनी चाहिए?"
‘हमें बंदी बनाकर नहीं रखा गया’
उन्होंने आगे कहा, "हमें बंदी बनाकर नहीं रखा गया है। हम यहां स्वेच्छा से आए हैं। दूसरी बात यह है कि जब मध्य प्रदेश सरकार बनी थी उससे पहले हम 15 साल तक विपक्ष में थे। सरकार बनी तो राहुल गांधी दो चेहरे सामने लाए- सिंधिया जी और कमलनाथ जी। सिंधिया जी को सीएम नहीं बनाया गया, बल्कि कमलनाथ जी मप्र के सीएम बने। हमें लगा कि सबकुछ सामान्य रहेगा, लेकिन बाद में सीएम का व्यवहार बदल गया।
जयपुर के आधे विधायक भी आ जाएंगे बेंगलुरू
राजपूत ने कहा कि जयपुर गए विधायक भी "दुखी" हैं, लेकिन वे असहाय हैं। अगर उन्हें स्वतंत्र किया गया तो उनमें से आधे बेंगलुरू में चलेंगे आ जाएंगे।
मैं हमेशा सिंधिया के साथ रहूंगी: इमरती देवी
इस बीच बागी कांग्रेस विधायक इमरती देवी ने कहा, "ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। उन्होंने हमें बहुत कुछ सिखाया है। मैं हमेशा उनकी तरफ से रहूंगी।"
एक अन्य विधायक राजवर्धन सिंह ने कहा कि सभी विधायकों ने एक ही प्रारूप और एक ही प्रक्रिया में एक साथ अपना इस्तीफा दिया लेकिन केवल छह इस्तीफे स्वीकार किए गए।
फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार नहीं है कमलनाथ
इससे पहले देर रात सीएम कमलनाथ ने कहा कि भाजपा चाहे तो अविश्वास प्रस्ताव लाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत है इसलिए वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार नहीं हैं। बता दें कि राज्यपाल तीन बार कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दे चुके हैं लेकिन वह आदेश मानने को तैयार नहीं हैं। सोमवार को फिर से वह राजभवन पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कहा कि यदि कोई यह कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं है तो वे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट देना? कमलनाथ ने कहा कि 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है और उन्हें समाने आना चाहिए।