सोनिया गांधी ने गुरुवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय में सीडब्ल्यूसी की बैठक की अध्यक्षता की और तकरीबन आधे किलोमीटर दूर सिंह के आवास की तरफ मार्च की अगुवाई की। इस दौरान सिंह की कैबिनेट में सहयोगी रहे पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, वीरप्पा मोइली और के रहमान खान मौजूद थे। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए ऐसे वक्त जानबूझकर खामोशी बरतने का आरोप लगाया जब सीबीआई ने अदालत से कहा है कि सिंह के पास 2005 में जब कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था उस दौरान ओडिशा में आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिंडाल्को कंपनी को तालाबीरा कोयला ब्लॉक-2 के आवंटन में कोई अपराध नहीं हुआ। गांधी ने कहा कि उनके पास जो भी कानूनी तरीके हैं उसके तहत वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मनमोहन सिंह को समन करने वाली खबर सुनकर मैं व्यथित हूं। उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में ईमानदारी और शुचिता के लिए जाने जाते हैं। हम यहां अपना पूरा समर्थन देने और अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं। सिंह के आवास पर उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से उनके साथ है। हम अपने स्तर से सभी तरह से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हम आश्वस्त हैं, हमें पक्का यकीन है कि वह बेगुनाह साबित होंगे।
सिंह ने बुधवार को भरोसा जताया था कि मुकदमे में वह अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। अदालत के आदेश के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, बेशक, मैं दुखी हूं लेकिन यह जिंदगी का हिस्सा है। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि मैं कानूनी जांच के लिए तैयार हूं...मुझे भरोसा है कि सत्य सामने आएगा और मुझे सभी तथ्यों के साथ अपने मामले को सामने रखने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि एक विशेष अदालत ने ओडिशा में 2005 में तालाबीरा-2 कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े घोटाले के एक मामले में सिंह के साथ ही उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख और तीन अन्य को आरोपी के तौर पर समन जारी किए और आठ अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है।