कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में अपनी देनदारी की बात छुपाई जबकि उनके पुत्र जय शाह ने अपने पिता के स्वामित्व वाले दो भूखंडों के नाम पर बैंकों से ऋण सुविधा ली है। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि शाह का चुनाव शपथ पत्र कानून का उल्लंघन है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरी ओर, भाजपा ने इस आरोप को बकवास और फर्जी करार दिया। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अमित शाह अपने पुत्र से जुड़ी स्वतंत्र इकाई की देनदारी को अपनी देनदारी के तौर पर नहीं दिखा सकते।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग से संपर्क कर यह सूचित करेगी कि भाजपा अध्यक्ष का चुनावी शपथ पत्र गलत है। भाजपा अध्यक्ष अगस्त, 2017 में गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। पात्रा ने कहा कि शाह के खिलाफ आरोप पूरी तरह बकवास और फर्जी हैं। अगर अमित शाह ने अपनी संपत्ति गिरवी रखते हैं तो भी इसका मतलब यह नहीं है कि देनदारी उनकी है।
रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि जय शाह के स्वामित्व वाली इकाई ‘कुसुम फिनसर्व’ की शुद्ध संपत्ति छह करोड़ रुपये थी, लेकिन उसने अलग-अलग निजी एवं सहकारी बैंकों से उसे 95 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा हासिल की। उन्होंने दावा किया कि ‘कुसुम फिनसर्व’ में जय शाह की 60 फीसदी और उनकी पत्नी की करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जय शाह से जुड़ी इस कंपनी को गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआइडीसी) ने पिछले साल मई में भूखंड दी और एक महीने के भीतर कंपनी ने इसी भूखंड के नाम पर 17 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। उन्होंने यह भी कहा कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम इंडियन रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (आईआरिडीए) ने ‘कुसुम फिनसर्व’ को मध्य प्रदेश के रतलाम में पवन ऊर्जा इकाई स्थापित करने के लिए 10.5 करोड़ रुपये दिए।