पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने सरदार पटेल की 140वीं जयंती के मौके पर भाजपा की अगुवाई वाली सरकार द्वारा आयोजित एकता दौड़ को दादरी प्रकरण, बीफ विवाद और अन्य घटनाओं के बाद बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ कलाकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों के विरोध की पृष्ठभूमि में एक पाखंड करार दिया। उन्होंने मांग की कि नरेंद्र मोदी सरकार आरएसएस पर पाबंदी लगाने संबंधी सरदार के आदेश तथा आरएसएस के तत्कालीन प्रमुख एम एस गोलवलकर एवं जनसंघ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ उनके पत्राचार को जारी करे। शर्मा ने कहा, सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाते हुए विस्तृत आदेश दिया था। उन्हें पहले उसे पढ़ना चाहिए और फिर वे उल्टी दिशा में दौड़ने लगेंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार पटेल कांग्रेस के कद्दावर नेता थे जिन्होंने पंडित नेहरू, मौलाना आजाद और राजेंद्र प्रसाद के साथ स्वतंत्रता संग्राम में काम किया। उन्होंने कहा, उनके पास नायक और हस्तियां नहीं हैं अतएव वे उन्हें उधार ले रहे हैं और झुठ के सहारे उधार ले रहे हैं। सरदार पटेल ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे और उनमें से एक था आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री और सरकार ने इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि नहीं दी जिन्होंने देश की एकता की खातिर आज ही के दिन शहादत दी थी। उन्होंने दावा किया कि सरदार पटेल के साथ पत्राचार में आरएसएस राजनीति से दूर रहने तथा बस एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन बने रहने पर सहमत हुआ था। भाजपा और प्रधानमंत्री पर कांग्रेस का हमला ऐसे दिन हुआ है जब उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए सरदार के काम का उद्धरण दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि भारत को आगे बढ़ना है और विकास की नई उंचाईयों को हासिल करना है तो एकता, शांति और सद्भाव पहली शर्त है। भारत के पहले उपप्रधानमंत्री की जयंती मनाने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर मोदी ने एकता दौड़ को रवाना किया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद नहीं कर तंग मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के इस बयान को तवज्जो नहीं दी कि यदि सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो चीजें भिन्न होती। नायडू ने यह भी कहा था कि इतिहास ने इन नेता की स्मृति के साथ न्याय नहीं किया। शर्मा ने कहा, नेहरू को भारत का प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय महात्मा गांधी और सरदार पटेल समेत बड़े नेताओं के समूह ने लिया था। नायडू ने वह नहीं पढ़ा है जो सरदार ने नेहरू के बारे में लिखा है। मैं उन्हें वह भेज दूंगा। नेहरू दुनिया के शीर्ष नेताओं में एक थे। भाजपा के इस आरोप पर कि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति करती है और एक परिवार के बाहर नहीं देखती, शर्मा ने कहा, हमारे पास लाल बहादुर शास्त्री, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री भी थे जो गांधी परिवार का हिस्सा नहीं थे।