इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर जहां कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं अब भाजपा पर एक ऐसी कंपनी से चंदा लेने के आरोप लग रहे हैं, जिस पर ‘टेरर फंडिंग’ के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए पूछा कि भाजपा ने एक ऐसी कंपनी से चंदा क्यों लिया, जिस पर इकबाल मिर्ची की संपत्ति खरीदने का आरोप है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, “चंदा” लेने में भाजपा का कमाल- करोड़ों का चंदा एक ऐसी कम्पनी से लिया जिस पर दाऊद इब्राहिम के साथी आतंकी इकबाल मिर्ची की संपती की खरीद बेच की सांठ-गांठ का इल्जाम है। क्या यही है झूठा ‘राष्ट्रवाद’? क्या ये ‘देशद्रोह’ नही अमित शाह जी?”
‘भाजपा सिर्फ पैसे का रंग देखती है’
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया, “भाजपा सिर्फ पैसे का रंग देखती है, देने वाले का ढंग नहीं! भले ही वो आतंक को फंडिंग करने वाली कम्पनी ही क्यों न हो! भाजपा को सिर्फ पैसा चाहिए। पीएम मोदी से आज देश जवाब मांग रहा है कि 1993 बम धमाकों के आरोपी को पैसा देने वाली कंपनी से भाजपा ने चंदा क्यों लिया?”
कांग्रेस ने लिखा, “भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि "आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?" देश की असंख्य भावनाओं के साथ; मुम्बई आतंकी हमले के शहीदों की गरिमा के साथ ये खिलवाड़ क्यों किया गया? देशहित के ऊपर पैसों को वरीयता देकर भाजपा ने देश-विरोधी कार्य किया है।”
विपक्षी दलों ने भी घेरा, कहा- यह टेरर फंडिंग से कम नहीं
सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा पर "आतंकवाद को खत्म करने" के नाम पर पैसा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह भाजपा का दोहरापन है। चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक राष्ट्रवादी भाषा से भाजपा आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ती है। फिर यह आतंकवाद उकसाने वालों से पैसे लेती है।"
भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझाने की जरूरत है कि "आतंक के पैसे" को भाजपा द्वारा दान के रूप में कैसे स्वीकार किया गया। राजा ने कहा, "यह टेरर फंडिंग से कम नहीं है। नोटबंदी के दौरान, मोदी चिल्लाते हुए कहते हैं कि यह कदम टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए था, फिर वह एक टेरर फंडिंग की आरोपी फर्म से मिले गंदे पैसे को कैसे जायज ठहराता है?"
उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा है जिसने कॉरपोरेट्स से राजनीतिक दलों को लगातार दान का समर्थन किया है । सीपीआई नेता ने कहा, "वे बिना कोई खाता दिखाए विभिन्न स्रोतों से पैसे ले रहे हैं।"
रिपोर्ट में लगाए ये आरोप
दरअसल, न्यूज वेबसाइट द वायर की एक रिपोर्ट में भाजपा पर ये आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा ने चुनाव आयोग को जो वित्तीय जानकारी दी है, उसके मुताबिक आरकेडब्ल्यू डेवेलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 2014-2015 में पार्टी को 10 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी और 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची से संपत्ति खरीदने और उसके साथ लेनदेन करने के आरोप में इस कंपनी पर ईडी की जांच चल रही है।
एक और कंपनी से दो करोड़ का चंदा
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा को मिले चंदे का विवाद महज आरकेडब्ल्यू तक ही सीमित नहीं है। ईडी ने इकबाल मिर्ची की संपत्तियां खरीदने के लिए सनब्लिंक रियल एस्टेट नाम की एक और कंपनी को आरोपी ठहराया है। सनब्लिंक रियल एस्टेट साझा डायरेक्टरशिप के जरिए एक अन्य कंपनी से जुड़ी है, जिसने भाजपा को दो करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा गरम
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब देश में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चर्चा तेज है। इससे पहले कांग्रेस संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने की मांग की। कांग्रेस सासंदों ने हाथों में तख्तियों के साथ "प्रधान मंत्री बोलें" और "6,000 करोड़ रुपये की लूट” के नारे लगाए।