कांग्रेस ने मोदी सरकार की कथनी-करनी में फर्क का आरोप लगाते हुए कहा कि एससी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रभाव से निपटने के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए।
कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पुनिया ने कहा, 'झूठ बोल कर, धोखा देकर, मोदी-शाह की जोड़ी ने दलितों-आदिवासियों की कमर तोड़ दी है। सरकार अनुसूचित जाति -जनजाति अत्याचार निवारण कानून को कमज़ोर कर रही है और अब बदले कानून को लागू कर भाजपा ने समाज के कमज़ोर वर्गों की पीठ पर छुरा भोंकने का काम किया है। सरकार दलित कानून के मामले में जो कर सकती थी उसे सरकार ने नहीं किया और केवल पुनर्विचार याचिका दायर कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकार ने दलित समाज के साथ धोखा किया है। आज भी दलित समाज की एफआईआर नहीं लिखी जाती।'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून को कमजोर कर और अब बदले कानून को लागू कर भाजपा ने समाज के कमज़ोर वर्गों की पीठ पर छुरा भोंकने का काम किया है। यूनिवर्सिटी में आरक्षण खत्म हो गया। भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अपराध की संख्या काफी है। भाजपा की अपनी सोच है जो दलित समाज को कमजोर रखना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दो अप्रैल को भारत बंद की कॉल दी गई। भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता है। हालाकि भारत बंद के दौरान हिंसा को कांग्रेस समर्थन नहीं करती लेकिन इसके नाम पर दलितों को परेशान किया जा रहा है।