पार्टी के एक तबके का यह भी मानना है कि उत्तर प्रदेश में बदलाव की संभावना तभी है जब दोनों गांधी, प्रियंका या राहुल गांधी प्रदेश चुनाव में नेतृत्व करें। बहरहाल, पार्टी की ओर से अब तक इस तरह का कोई संकेत नहीं है कि वह दोनों में किसी गांधी को राज्य विधानसभा चुनाव में उतारेगी, जहां कांग्रेस को कमजोर समझा जाता है। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस पक्ष में है कि दोनों में से कोई गांधी राज्य चुनाव में नेतृत्व करे और अगर वे इसके लिए राजी नहीं होते हैं तो किसी जाने-माने ब्राम्हण चेहरे को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करना चाहिए।
नेतृत्व के नजदीक सूत्रों ने संकेत दिया कि बदलाव के बारे में प्रमुख फैसलों का एलान 19 मई के बाद होगा क्योंकि उस दिन असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रमुख और कांग्रेस विधायक दल के नेता तथा राज्य में पार्टी के मामलों का जो प्रबंध कर रहे हैं, उन्हें बदला जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम पर विचार किया गया है।