कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री लखनऊ में डॉ. अंबेड़कर विश्वविद्यालय गए थे और वहां अपना दुख व्यक्त किया। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को पांच दिन लगे ये शब्द कहने में और इसके पीछे जो मानसिकता, जो प्रचार, जो सोच भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार की रही, उसकी प्रधानमंत्री जी ने ना तो कोई भर्त्सना की, ना ही जिम्मेवारी ली। शर्मा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, श्रम मंत्री बंदारु दत्तात्रेय और वहाँ के उपकुलपति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। क्या कारण है?
शर्मा ने कहा कि देश में पिछले काफी समय से कई विश्वविद्यालयों में, शिक्षा और प्रशिक्षण के संस्थानों में छात्रों में आक्रोश है। पूणे में एफटीटीआई का मामला सबके सामने है। बंगाल मे जादवपुर विश्वविद्यालय का, चेन्नई में आई.आई.टी का, अब ये हैदराबाद में, ये क्या अचानक सब घटनाएं हो रही हैं। उन्होने कहा कि इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी, और संघ से जुड़े हुए संगठन, और उनकी नीति जिम्मेवार है।