भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने खिलाफ मोर्चा बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि कांग्रेस दूसरे दलों का समर्थन इसलिए मांग रही है क्योंकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने में असमर्थ’ है।
अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का खाका तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शुक्रवार को पटना में बैठक कर रहे हैं। बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने की।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाजपा मुख्यालय में जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘विडंबना’ है कि आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र की हत्या’ के गवाह रहे कुछ नेता पटना में कांग्रेस की छत्रछाया में एकत्र हुए हैं।
ईरानी ने दावा किया कि विपक्षी दलों की बैठक का संदेश है कि वे अपने दम पर मोदी का मुकाबला करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से कांग्रेस का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिसने सार्वजनिक तौर पर घोषित कर दिया है कि वह अकेले मोदी को हराने में नाकाम है। इसलिए उसे सहारे की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता महलों से निकलकर लोगों के पास चली गई है। यही कारण है कि जो लोग अपनी राजनीतिक विरासत पर घमंड करते हैं, उन्हें अब उन लोगों के पास जाना पड़ रहा है जिनको उन्होंने आपातकाल के दौरान सलाखों के पीछे डाल दिया था।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने राज्य के भागलपुर जिले में गंगा नदी पर हाल ही में पुल ढहने की घटना का जिक्र किया और पूछा, ‘जो लोग एक पुल नहीं बना पाए वे लोकतांत्रिक पुल क्या खाक बनाएंगे?’।
ईरानी ने कहा, ‘‘जनता उन लोगों के बारे में सतर्क हो रही है जो विकास के मुद्दों पर एक साथ नहीं आ सके लेकिन अब ब्लैकमेल का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं।’’