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नाथूराम गोडसे के संघ से रिश्ते के प्रमाण जुटा रही कांग्रेस

कांग्रेस अब महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के संघ से रिश्ते के प्रमाण एकत्रित करने में लगी हुई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ जो कुछ भी कहा है, वह उसके ट्रायल के लिए तैयार हैं। गांधी के वकील कपिल सिब्बल की योजना महाराष्ट्र के कांग्रेस कार्यकर्ता राजेश कुंटे से बहस की मांग करने की है।
नाथूराम गोडसे के संघ से रिश्ते के प्रमाण जुटा रही कांग्रेस

संघ पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद राजेश ने कांग्रेस उपाध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल गांधी ने 2014 में एक जनसभा में कहा था कि आरएसएस से जुड़े लोगों ने गांधीजी की हत्या कर दी।

राहुल गांधी की कानूनी टीम ने इस मामले में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की किताब का हवाला दिया है। उसने कुछ और सबूत भी पेश किए हैं। आरएसएस से गोडसे के मजबूत रिश्ते को साबित करने के लिए इस सिलसिलेे में अदालत की अगली कार्यवाही में मार्क जेमनोहर मलगांवकरएस इस्लामकोइनाराड अल्सट समेत कई लेखकों की किताबों के अंश का हवाला दिया जा सकता है।

सांसद और राहुल गांधी के वकील कपिल सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक्‍स को बताया कि वह कुंटे और संघ के वरिष्‍ठ नेताओं से जिरह की मांग करेंगेताकि इस संगठन की कलई खोली जा सके। उन्होंने कहा, 'संघ की दोमुंही बातों के बारे में पर्दाफाश करने का यह शानदार मौका है। हम नहीं मानते कि वे भारत की मुख्यधारा की नुमाइंदगी करते हैं। ट्रायल के दौरान हम उनका और उनके सिद्धांतों का पर्दाफाश करेंगे। हम कुंटे से जिरह कर वैसे सवाल करेंगे,जिनका वह जवाब नहीं दे पाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि मोहन भागवत ट्रायल में आएं ताकि आरएसएस के वास्तविक चेहरे के बारे में लोगों को पता चल सके।'

राहुल गांधी बनाम आरएसएस ट्रायल में जिन किताबों के अंश को पेश किए जाने की तैयारी हैवे कुछ इस तरह हैंमार्क जे की किताब- 'द न्यू कोल्ड वॉररिलीजियस नैशनलिज्म कन्फ्रंट्स द सेक्युलर स्टेट'। इसमें कहा गया है, 'नेहरू ने होम मिनिस्टर को 26 फरवरी 1948 को चिट्ठी लिखी थीजिसमें कहा गया कि गांधीजी की हत्या एक बड़े अभियान का हिस्सा थाजिसका आयोजक मुख्य तौर पर आरएसएस था।'

मनोहर मलगांवकर की किताब- 'द मैन हू किल्ड गांधीके मुताबिक, 'निश्चित तौर पर गोडसे महासभा और आरएसएस के बीच कॉमन लिंक था और वह दोनों संगठनों का सदस्य था। बेशक आरएसएस इससे इनकार करे। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी अपनी चिट्ठियों में आरएसएस के सरसंघचालक एम एस गोलवलकर को कहा था कि महात्मा की हत्या के बारे में सुनने पर संघ के लोगों ने मिठाइयां बांटी थीं।'

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