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कांग्रेस ने औरंगजेब से की मोदी की तुलना, कहा-अपनी पार्टी सहित पूरे प्रजातंत्र को बंधक बनाया

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मन तानाशाह से किए...
कांग्रेस ने औरंगजेब से की मोदी की तुलना, कहा-अपनी पार्टी सहित पूरे प्रजातंत्र को बंधक बनाया

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मन तानाशाह से किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब की से की है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि 43 साल पहले 21 महीने के आपातकाल का रुदन कर क्या मोदी जी देश का ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर, 49 महीने के अघोषित आपातकाल में आज के औरंगजेब, मोदी जी ने तो स्वयं की पार्टी सहित पूरे प्रजातंत्र को बंधक बना लिया है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या आपातकाल की दुहाई देकर देश में अच्छे दिन आ जाएंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली सल्तनत के औरंगजेब से भी क्रूर तानाशाह मोदी ने देश को 43 साल पहले के आपातकाल का पाठ पढ़ाया है। 43 साल पहले कांग्रेस और श्रीमती इंदिरा गांधी ने रियासती राजाओं के प्रिवी पर्स को खत्म करने और जमींदारी प्रथा को खत्म करने की लड़ाई लड़ी थी, जिन्हें जनसंघ का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे खोलने की थी।

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री और भाजपा से पूछा कि क्या इंदिरा जी को कोसने से किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा मिल सकता है? क्या केवल कांग्रेस को कोसकर मोदी जी युवाओं को हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के वादे से पीछा छुड़ा पाएंगे? क्या कांग्रेस को कोसकर 49 महीने से भाजपा द्वारा पैदा की जा रही सामाजिक दीवारों को मोदी जी पाट पाएंगे?

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी जी अपनी नाकामियों से पर्दा डालने के लिए इतिहास से प्रतिशोध ले रहे हैं, लेकिन वो भूल गए कि वे खुद इतिहास बनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी के शासन में भय का माहौल है ही। जिन लोगों को प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं उन लोगों की तरफ से बलात्कार और हत्या की धमकियां मिलती हैं और अब तो देश की विदेश मंत्री को भी धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि भय और आतंक तो होगा ही जब पूरे देश को बैंक की लाइनों में खड़ा कर लुटेरों को पीछे से पैसा बदलने की इजाजत दे दी जाती है। उन्होंने दोहराया कि  भय और आतंक तो होगा ही, जब प्रधानमंत्री स्वयं प्रांतों को डराते हैं कि या तो वे उनकी विचारधारा में शामिल हो जाएं नहीं तो पूरे प्रांत को पैसों से वंचित कर दिया जाएगा।

सुरजेवाला ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तोड़ने की साजिश अब वित्त मंत्रालय में रची जाती है। संविधान की मान्यताओं और परंपराओं को सरकार के द्वारा संसद में बंधक बना लिया जाता है और संसद के बाहर उसके परखच्चे उड़ा दिए जाते हैं। पेट्रोल पंप से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक एक ही व्यक्ति के महिमामंडन पर आम जनता की गाढ़ी कमाई के हजारों करोड़ रुपये फूंके जा रहे हैं।

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