प्रदेश में 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये आखिरी चरण में पहुंच चुके प्रचार के दौरान पिथौरागढ़ में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा जनता से ऐसी दागदार सरकार को उखाड़ फेंकने और उसकी जगह भाजपा की सरकार लाने को कहा।
उन्होंने कहा, आज एक संकल्प लीजिये कि चुनावों में आप उन लोगों को सजा देंगे जिन्होंने आपको बर्बाद किया है जिससे भविष्य में सरकारें आपकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ न कर सकें।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर ओआरओपी मुद्दे को 40 साल तक लटकाकर रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके मन में सैन्य बलों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्टाइक का सबूत मांग कर कांग्रेस ने यह साबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री रावत पर पिथौरागढ़ जिले की अपनी धारचूला विधानसभा के लोगों का सामना करने का साहस न होने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने लोगों को ठगने के अपराध बोध ने उन्हें यहां से मैदान की ओर भागने और वहीं से चुनाव लड़ने को मजबूर कर दिया।
इससे पहले, श्रीनगर गढ़वाल में एक अन्य जनसभा में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर एक बार फिर उसी समाजवादी पार्टी की गोद में जा बैठने का आरोप लगाया जिसकी सरकार ने नब्बे के दशक में पृथक राज्य आंदोलन के दौरान लोगों पर अत्याचार किये, गोलियां चलायीं और माताओं के साथ बलात्कार किया।
उन्होंने कहा, इस कांग्रेस ने उत्तराखंड में जनता के बलिदानों और उनके घावों पर नमक डि़कने और तेजाब डालने का पाप किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को सीधा निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज जो सीएम हैं उन्होंने उत्तराखंड के विरोध में क्या नहीं किया। यह मुख्यमंत्री पिछले दरवाजे से घुस कर सत्ता में आ गये हैं वरना जनता इन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने देती।
उत्तराखंड में भी पर्दे के पीछे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के मिले होने का आरोप लगाते हुए मोदी ने जनता से प्रदेश के विकास के लिये भाजपा की सरकार लाने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह चुनाव केवल मुख्यमंत्री को सजा देने के लिये नहीं है बल्कि यह चुनाव उत्तराखंड का भाग्य बदलने के लिये है। यह कोई कठिन काम नहीं है क्योंकि उत्तराखंड सामथ्र्य की भूमि है।
इस संबंध में मोदी ने उत्तराखंड के साथ बने दो अन्य राज्यों छत्तीसगढ़ और झारखंड का जिक्र करते हुए कहा कि नक्सलवाद से ग्रस्त होने और पिछड़े होने के बावजूद ये राज्य भाजपा के कारण विकास की दौड़ में कहीं आगे निकल गये हैं जबकि उत्तराखंड पिछड़ गया है।
पर्यटन, तीर्थाटन, जड़ी-बूटी विकास, जलविद्युत, रेल, आल वेदर चारधाम रोड नेटवर्क, योग और पर्यावरण को उत्तराखंड की ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन अपार संभावनाओं वाले क्षेत्रों को गति देने से प्रदेश में रोजगार सृजन होगा और पलायन रूकेगा तथा अगले पांच साल में वह सबसे तेज गति से विकसित होने वाले राज्यों में शामिल हो जायेगा।
उन्होंने जनता से सवाल पूछते हुए कहा, यदि इन सभी क्षेत्रों की ताकत को जोड़ दें तो बताइये कि इनसे पलायन रूकेगा या नहीं। इस संबंध में मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास की जिम्मेदारी केवल यहां बैठी सरकार की नहीं बल्कि केंद्र में होने के नाते उनकी भी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि नेपाल और भारत द्वारा संयुक्त रूप से बन रही पंचेश्वर बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना के लिये 34000 करोड़ रूपये दे रही है। इससे न केवल उत्तराखंड को बिजली मिलेगी बल्कि देश के ज्यादातर हिस्सों का अंधेरा दूर होगा। ओआरओपी के मुद्दे को 40 साल तक अटका कर रखने के लिये कांग्रेस की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने इसके लिये 500 करोड़ रूपये का हिसाब लगाया था, जबकि उनकी सरकार के यथार्थवादी आंकलन से यह रकम 12000 करोड़ रूपये से भी ज्यादा की निकली। उन्होंने कहा, अब तक हम 6000 करोड़ रूपये से ज्यादा का भुगतान कर चुके हैं और बाकी का भुगतान भी जल्दी ही कर दिया जायेगा।
मोदी ने सर्जिकल स्टाइक का सबूत मांगने के लिये भी कांग्रेस को घेरा और कहा कि उसने ऐसा करके फौजियों का अपमान किया है। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को राजनीतिक कार्यक्रम की बजाय गरीबों और ईमानदारों के हक के लिये देश में फैली भ्रष्टाचार और काले धन की जुगलबंदी को रोकने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी भ्रष्टाचारियों ने प्रदेश को खूब लूटा और देवभूमि को लूटभूमि बना दिया। इस संबंध में उन्होंने असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में करने के लिये कथित रूप से रिश्वत की पेशकश करते कैमरे पर दिखायी दिये रावत का भी जिक्र किया।
हालांकि, उन्होंने कहा कि पद का दुरूपयोग करने वाले बेईमानों के खिलाफ यह लड़ाई अब रूकने वाली नहीं है, क्योंकि उन्होंने देश को इस बीमारी से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
सोलह साल के उत्तराखंड की सही परवरिश की जिम्मेदारी अपने सिर लेने का वादा करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि 11 मार्च को आने वाले नतीजे अभूतपूर्व होंगे और उस दिन वर्तमान सरकार भूतपूर्व हो जायेगी। भाषा