कांग्रेस सांसद ईशा खान चौधरी ने पश्चिम बंगाल में मालदा जिले के संघर्ष प्रभावित मोथाबाड़ी इलाके में पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की मांग की।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को दो समुदायों के बीच हुई झड़प के सिलसिले में अब तक कम से कम 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार को पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा, ‘‘मैं शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कुछ मार्गों पर पैदल मार्च सहित गश्त के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती का अनुरोध करता हूं।’’ उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शांति-व्यवस्था बहाल करने के लिए शीघ्र और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल राज्य सशस्त्र पुलिस और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवान संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार शाम मोथाबाड़ी में एक धार्मिक जुलूस के एक इबादत स्थल से गुजरने के बाद बृहस्पतिवार को उपद्रव शुरू हुआ। हिंसा के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ और लोगों पर हमले हुए।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) की चार कंपनियों और बड़ी संख्या में आरएएफ के जवानों के अलावा प्रभावित इलाके में एसएपी की एक और कंपनी तैनात की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर शुक्रवार से मोथाबाडी़ और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मंत्री और स्थानीय विधायक सबीना यास्मीन ने शुक्रवार को कहा कि आगामी रामनवमी और ईद के त्योहार के कारण क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू नहीं की गई है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मालदा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तीन अप्रैल तक हिंसा पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।