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सेना के 'दिल्‍ली कूच' की खबर को सही बता घिरे मनीष तिवारी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने वर्ष 2012 में सेना की दो टुकड़‍ियों के दिल्‍ली कूच करने की खबर को सच बताकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं।
सेना के 'दिल्‍ली कूच' की खबर को सही बता घिरे मनीष तिवारी

वर्ष 2012 में अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने खबर छापी थी कि वीके सिंह के सेना प्रमुख रहते हुए सेना की दो टुकडिय़ां सरकार को सूचित किए बगैर दिल्ली की तरफ कूच कर रही थीं। तब जनरल वीके सिंह की उम्र को लेकर विवाद चल रहा था और वह यूपीए सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गए थे। तिवारी उस वक्त संसद की रक्षा संबंधी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य थे।

हालांकि, खुद कांग्रेस ने मनीष तिवारी के इस बयान से किनारा कर लिया है। शनिवार को एक पुस्‍तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान तिवारी पूछा गया था कि क्या सेना ने मनमोहन सिंह के पीएम रहते वक्त दिल्ली कूच किया था? इसका जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने कहा, 'दुर्भाग्य से यह रिपोर्ट सच्ची है।' उन्‍होंने कहा 'मैं उस वक्त रक्षा मामलों से जुड़ी स्थायी समिति का सदस्य था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन सच बात है।'

उल्‍लेखनीय है कि 4 अप्रैल 2012 को अंग्रेजी अखबारइंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में दावा किया था कि सरकार की बिना इजाजत के सेना की दो टुकड़ियां 16 जनवरी की रात हिसार और आगरा दिल्ली की तरफ बढ़ रहीं थीं। सेना की इस हलचल को लेकर खुफिया एजेंसियों ने सरकार को अलर्ट किया था और ये टु‍कड़‍ियां नजफगढ़ व पालम से वापस भेज दी गई थीं। तत्कालीन यूपीए सरकार ने तब इस खबर का खंडन किया था। अक्तूबर 2012 से मई 2014 तक संप्रग सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे तिवारी ने कहा, मैं बहस में नहीं पड़ रहा। मैं वही कह रहा हूं जो मुझे सही से पता है कि खबर सही थी। इंडियन एक्सप्रेस के तत्कालीन संपादक शेखर गुप्ता अभी भी खबर पर कायम हैं।  

वीके सिंह ने कहा- मनीष तिवारी खाली हैं

मनीष तिवारी के दावे को पूर्व सेना प्रमुख और अब केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बकवास बताकर खारिज कर दिया है। वीके सिंह कहा कि उन्हें (तिवारी को) इन दिनों कुछ कामकाज नहीं है। उन्हें मेरी किताब पढ़ लेनी चाहिए, उससे सब साफ हो जाएगा।

तिवारी के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा

मनीष तिवारी के सनसनीखेज बयान से खुद कांग्रेस पार्टी ने पल्‍ला झाड़ लिया है। तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि सेना मार्च को लेकर संसद में उस समय जो बयान दिया था वह उस पर कायम हैं। गौरतलब हे कि एंटनी ने सेना के दिल्‍ली कूच संबंधी खबर का खंडन किया था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि मनीष तिवारी न तो उस समय फैसले लेने वालों में थे और न ही उनके दावे में कोई सच्चाई है। सिंघवी के अनुसार, यह कहना अनुचित, अनावश्यक और पूरी तरह गलत होगा कि उस समय लगाए गए इन आरोपों में कोई सच्‍चाई थी। कांग्रेस प्रवक्ता पी सी चाको ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी की ओर से बहुत साफतौर पर इस खबर का खंडन करना चाहते हैं।

हालांकि मणिशंकर अय्यर अपने साथी नेता मनीष की बात का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देते हुए दिखाई दे रहे हैं। अय्यर ने कहा है कि उनके पास कुछ ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन जहां तक लगता है कि कुछ ना कुछ हुआ था उस रात को जो कि संविधान के खिलाफ था। 

सशस्‍त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश- भाजपा 

भाजपा के राष्टीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, मनीष तिवारी एेसे मुद्दे को उठा रहे हैं जिसमें उनकी ही सरकार ने खारिज कर दिया था। अब उनकी ओर से इस विषय को उठाना कई सवाल खड़े करता है जिनका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। उन्होंने कहा, हमने पहले भी देखा है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाकर सशस्त्रा बलों का मनोबल गिराने की कोशिश की है। बयानों के समय पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा ने इस विषय पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्राी ए के एंटनी के बयान की मांग की है। 

क्‍या थी इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि 16 जनवरी, 2012 की रात को सेना की एक प्रमुख इकाई ने बिल्कुल अनपेक्षित और गैर अधिसूचित तरीके से हिसार में स्थित मेकेनाइज्ड इन्फेंटी से राजधानी की ओर रुख किया था। इस मामले में सरकार के पास किसी तरह की पूर्व सूचना नहीं थी। उसी रात एक और इकाई दिल्ली की ओर बढ़ी थी जिसे आगरा में स्थित 50 पैरा ब्रिगेड का बड़ा हिस्सा बताया गया। जिसने सरकार को चिंता में डाल दिया था। 

 

- एजेंसी इनपुट 

 

 

 

 

 

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