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जीएसटी में बदलाव के लिए संघर्ष करेगी कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री  केवल लच्छेदार बातें और लुभावने वादे तो करते हैं,...
जीएसटी में बदलाव के लिए संघर्ष करेगी कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री  केवल लच्छेदार बातें और लुभावने वादे तो करते हैं, लेकिन ‘जीएसटी की दोषपूर्ण संरचना और बनावट को ठीक करने में पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। कांग्रेस पार्टी जीएसटी में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि सरकार द्वारा किए गए सारे वादे खोखले हैं, जिन पर स्पष्ट निर्णय के अभाव में तलवार लटक रही है। इनमें से किसी भी समस्या का समाधान मोदी सरकार अभी तक जीएसटी काउंसिल से नहीं करवा पाई। यह भाजपा सरकार की अक्षमता और नौसिखिएपन का सबसे बड़ा सबूत है।

कांग्रेस का कहना है कि मोदी जी का ‘गब्बर सिंह टैक्स चंद पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए बना है और इससे छोटे व्यापारियों, लघु एवं कुटीर उद्योगों व असंगठित क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है।  वित्तमंत्री, अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद ‘अर्द्धसत्य’बयान दिया है। भारत के 125 करोड़ लोगों और कांग्रेस पार्टी के विरोध के आगे भाजपा सरकार का अहंकार हार गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष, श्री राहुल गांधी तथा कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाए गए लगातार दबाव के आगे भाजपा सरकार और जीएसटी काउंसिल को झुकना पड़ा और सरकार दैनिक उपयोग की कुछ वस्तुओं पर टैक्स 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने को मजबूर हो गई।

कांग्रेस लगातार कहती रही है कि जीएसटी में टैक्स की अनेकों दरें निर्धारित करना सबसे बड़ी भूल है। ‘एक देश, एक टैक्स’आज ‘एक  देश, सात टैक्स बन चुका है। कांग्रेस पार्टी ने पहले दिन से ही अधिक से अधिक 18 प्रतिशत जीएसटी की सीमा तय करने की मांग की थी। इसके विपरीत सात दरों वाला मोदी सरकार द्वारा लगाया जीएसटी टैक्स वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा है। ‘पेट्रोलियम उत्पादों, ‘रियल इस्टेट  और ‘बिजली को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा।

 

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