जानकारी के मुताबिक गोवा में वह सरकार बनाने के नजदीक पहुंचने के बाद भी सरकार बनाने में असफल रहने का कारण यह प्रभार उनसे छिना गया है। बता दें कि चुनाव के दौरान गोवा कांग्रेस में भीतरघात देखने को मिला। जबकि गोवा विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उसके बाद भी सरकार बनाने में नाकाम रहने पर गोवा प्रभारी के तौर पर दिग्विजय सिंह की काफी आलोचना हुई थी। गौरतलब है कि 2018 में कर्नाटक में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहती।
खबर के मुताबिक 18 मार्च को गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लुइजिन्हो फलेइरो ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह और गोवा स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष के.सी. वेणुगोपाल को पार्टी के लिए अक्षम बताते हुए उनके ऊपर करारा हमला किया था। इसके अलावा सरकार बनाने में देरी की वजह का कारण मुख्यमंत्री पद को लेकर गोवा के कांग्रेसी नेताओं में घमासान की ख़बर को बकवास बताते हुए लुइजिन्हो फलेइरो ने कहा कि पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल यानि 21 विधायको का समर्थन हासिल था। उसके बाद दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया था कि कांग्रेस को राज्यपाल मृदुला सिन्हा की तरफ से सरकार बनाने का निमंत्रण देने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।