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सोनिया गांधी की संसदीय टीम में पत्र विवाद से जुड़े नेताओं को तवज्जो नहीं

कांग्रेस में हुए पत्र विवाद का असर अब पार्टी के रवैये में साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया...
सोनिया गांधी की संसदीय टीम में पत्र विवाद से जुड़े नेताओं को तवज्जो नहीं

कांग्रेस में हुए पत्र विवाद का असर अब पार्टी के रवैये में साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल के दिनों में संसद से जुड़ी जिन समितियों का गठन किया और जिन नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारियां दीं, उससे ये संकेत मिलते हैं कि पत्र विवाद से जुड़े नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई और उन्हें एक प्रकार से संदेश देने की कोशिश भी की गई है।

हालांकि, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य का कहना है कि कुछ लोगों को जिम्मेदारी मिलने का यह बिल्कुल आशय नहीं है कि दूसरे लोगों की उपेक्षा की जा रही है।

पार्टी की ओर से गुरुवार को लोकसभा में गौरव गोगोई को उप नेता नियुक्त किया गया तो रवनीत सिंह बिट्टू को सचेतक बनाया गया। इस तरह राज्यसभा में जयराम रमेश को मुख्य सचेतक नियुक्त करने के साथ ही दोनों सदनों में पार्टी की रणनीति तय करने के मकसद से पांच-पांच सदस्यीय समितियां भी बनाई गई हैं।

राज्यसभा की 5 सदस्यीय समिति में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता आनंद शर्मा को स्थान मिला है, हालांकि इसमें राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल एवं रमेश को भी शामिल किया गया है

लोकसभा में दो बार के सांसद गौरव गोगोई को उप नेता की जिम्मेदारी दी गई है जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्रियों मनीष तिवारी और शशि थरूर के लिए एक संदेश की तरह देखा जा रहा है।

कुछ दिनों पहले भी सोनिया ने केंद्र सरकार की ओर से जारी प्रमुख अध्यादेशों के संदर्भ में पार्टी का रुख तय करने के लिए जिस 5 सदस्यीय समिति का गठन किया था उसमें भी पत्र विवाद से संबंधित किसी नेता को स्थान नहीं दिया गया था। उस समिति में राज्यसभा से पी चिदंबरम, रमेश और दिग्विजय सिंह थे तो लोकसभा से डॉक्टर अमर सिंह और गोगोई को शामिल किया गया।’’

आजाद, शर्मा, तिवारी, और थरूर उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव, सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसको लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ।

इन नियुक्तियों में पत्र विवाद से जुड़े नेताओं की उपेक्षा के प्रश्न पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘सोनिया जी संसदीय दल की प्रमुख हैं। संसद से जुड़ी नियुक्तियां करना उनका हक है। उन्होंने कुछ नेताओं पर विश्वास दिखाया है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि दूसरे लोगों को नजरअंदाज कर दिया गया।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इसे पत्र से जुड़े मामले से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद वह मामला समाप्त हो गया।’’

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