साल 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार पार्टी इस तरह का आयोजन करेगी। आम चुनावों में कांग्रेस को 543 सदस्यीय सदन में महज 44 सीटें मिली थीं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पार्टी शासित कर्नाटक के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। चिंतन शिविर ऐसे समय में हो रहा है जब राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख बनाने के बारे में पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है।
चुनावों में हार के तुरंत बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी की हार के बारे में विचार-विमर्श के लिए जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी। सोनिया गांधी ने 2003 में पहली बार शिमला में चिंतन शिविर का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाने के संकेत दिए थे। उसके अगले वर्ष कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग ने राजग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। जयपुर में जनवरी 2013 में हुए चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था और लोकसभा चुनावों में उन्हें पार्टी का चेहरा बनाया गया था। पर 2014 में हुए चुनावों में पार्टी ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया।