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चंद्रयान-3: सोनिया गांधी ने इसरो प्रमुख को लिखा पत्र- 'यह भारतीयों के लिए गर्व और उत्साह का विषय'

असफलताओं से सबक लेकर सफलता की नई गाथा लिखते हुए ना केवल भारत ने एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। बल्कि...
चंद्रयान-3: सोनिया गांधी ने इसरो प्रमुख को लिखा पत्र- 'यह भारतीयों के लिए गर्व और उत्साह का विषय'

असफलताओं से सबक लेकर सफलता की नई गाथा लिखते हुए ना केवल भारत ने एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। बल्कि दुनिया को यह दिखाया है कि हम किसी से कम नहीं हैं। चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक उपलब्धि ने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा और सिर फक्र से ऊंचा किया है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चंद्रयान-3 की सफलता पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को पत्र लिखा है।

सोनिया गांधी ने लिखा, "श्री सोमनाथ जी, यह आपको यह बताने के लिए है कि कल शाम इसरो की शानदार उपलब्धि से मैं कितना रोमांचित थी। यह सभी भारतीयों, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए बहुत गर्व और उत्साह का विषय है।"

"इसरो की उत्कृष्ट क्षमताएं दशकों में विकसित हुई हैं। इसमें उल्लेखनीय नेता रहे हैं और सामूहिक प्रयास की भावना ने इसे हमेशा प्रेरित किया है। साठ के दशक की शुरुआत से ही यह आत्मनिर्भरता पर आधारित रहा है, जिसने इसकी बड़ी सफलताओं में योगदान दिया है।"

"मैं संपूर्ण इसरो समुदाय को शुभकामनाएं देती हूं और इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसके प्रत्येक सदस्य को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। शुभ कामनाओं के साथ।"

गौरतलब है कि भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 सफल हो गया है। बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। लैंडिंग के दो घंटे और 26 मिनट बाद लैंडर से रोवर भी बाहर आ गया है।

इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूमकर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चलीं।

चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हासिल कर भारत ऐसी उपलब्धि प्राप्त करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और चीन के नाम ही यह रिकॉर्ड था, लेकिन ये देश भी अब तक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर विजय प्राप्त नहीं कर पाए हैं। हालांकि, भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने यह साहसिक कारनामा सफलतापूर्वक कर दिखाया है।

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