कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और लोगों से जुड़ने के लिए पार्टी में प्रेरकों की नियुक्ति करेगी। इनका काम पार्टी के एंजेंडे, विचाराधारा को जमीन पर ले जाने का होगा। ये कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे और उन मुद्दों पर भी पार्टी का रुख जनता के बीच रखेंगे, जिनको लेकर दूसरी पार्टियां कांग्रेस पर निशाना साधती हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। लोकसभा चुनाव में हार के बाद फिर से खड़े होने की कोशिश कर रही कांग्रेस जल्दी ही इस पर काम शुरू कर सकती है।
चार-पांच जिलों को मिलाकर बनेगा एक डिविजन
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, डिविजनल लेवल पर पार्टी तीन प्रेरक नियुक्त करेगी। इन तीन में से एक महिला और एक एससी-एसटी, ओबीसी या अल्पसंख्यक होगा। तीसरा प्रेरक किसी भी समुदाय से हो सकता है। चार-पांच जिलों को मिलाकर एक डिविजन बनाया जाएगा। प्रेरक कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा और इतिहास के बारे में 'प्रेरित और सूचित' करेंगे, इसके अलावा उन्हें नियमित आधार पर जनता के साथ जुड़ने के लिए तैयार किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी में प्रेरक पदों के लिए संगठन का अनुभव रखे वाले नेताओं को तरजीह दी जाएगी।
मंगाए जाएंगे आवेदन
प्रेरक पदों के लिए बाकायदा आवेदन मांगे जाएंगे। इसके बाद आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ट्रेनिंग प्रतिनिधि राज्यों का दौरा करेंगे और प्रेरक ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए उचित आवेदकों का चुनाव करेंगे। प्रेरकों के लिए एक हफ्ते का ट्रेनिंग कार्यक्रम होगा। प्रेरक के तौर पर उनकी नियुक्ति तभी होगी जब वे तीन महीने तक जमीनी दौरा करेंगे।
आरएसएस के पास हैं प्रचारक
जिस तरह से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) विचारधारा और संगठन के कामकाज को देखने के लिए प्रचारक तैयार करता है, कांग्रेस का प्रेरक नियुक्त करने का फैसला उससे मिलता हुआ है। आरएसएस में प्रचारक शाखा का आयोजन करते हैं और लोगों तक अपनी बात पहुंचाते हैं।