17वीं लोकसभा चुनाव 2019 में वायनाड से जीत दर्ज करने के बाद पहली बार आज यानी शुक्रवार को राहुल गांधी यहां पहुंचे। वह तीन दिनों के लिए यहां के दौरे पर हैं। उन्होंने यहां मलप्पुरम में रोड शो किया और लोगों का धन्यवाद दिया। राहुल ने वायनाड में 4,31,770 वोटों से जीत दर्ज की थी। हालांकि अपनी दूसरी पारंपरिक सीट अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जीत के बाद राहुल का पहला वायनाड दौरा
चुनाव जीतने के बाद यह उनका पहला वायनाड दौरा है। गांधी इस बार दो लोकसभा सीटों अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़े। अमेठी से भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें हराया। कांग्रेस प्रमुख ने अपने प्रतिद्वंद्वी सीपीएम के पीपी सुनीर को मात दिया। सुनीर ने 2,74,597 वोट हासिल किए। राहुल गांधी को 7,06,367 वोट मिले थे।
#WATCH Congress President Rahul Gandhi arrives at Kalikavu in Malappuram district in Kerala. Today, he begins his three-day visit to the state after Lok Sabha elections. pic.twitter.com/e2tTizHIff
— ANI (@ANI) June 7, 2019
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली मात्र 52 सीटें
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली है। पार्टी महज 52 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई है। सदन में कांग्रेस विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने में भी फेल हो गई। विपक्षी पार्टी बनने के लिए कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। मतलब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए राहुल गांधी की पार्टी को 55 सीटें चाहिए थीं। इसके अलावा इन चुनावों में भी 'मोदी मैजिक' बरकरार रहा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली। वहीं एनडीए को 353 सीटें मिलीं।
राहुल ने केरल के मुख्यमंत्री को लिखा था लेटर
इससे पहले राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को एक किसान द्वारा आत्महत्या करने के बाद चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कहा था कि किसान की आत्महत्या से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से इसकी जांच करने और परिवार को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए कहा था। गांधी ने पत्र में लिखा था कि अकेला ऐसा मामला नहीं है। वायनाड में किसानों द्वारा ऋण का भुगतान नहीं कर पाने के चलते आत्महत्या की कई घटनाएं हुई हैं।
कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी की बड़ी हार
कांग्रेस का गढ़ रहा अमेठी में भी राहुल गांधी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहा भाजपा नेता स्मृति से ईरानी ने राहुल को पस्त किया। दोनों के बीच काफी वोटों को अंतर रहा। कांग्रेस पार्टी को इतनी कम सीटें मिली है कि पार्टी फिलहाल, सदन में विपक्ष का दर्जा हासिल करने में नाकाम रही। विपक्षी पार्टी बनने के लिए विपक्षी पार्टी को कुल 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। ऐसे में राहुल गांधी को प्रतिपक्ष का नेता बनने के लिए 55 सीटें चाहिए थीं।