कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग की है। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि सरकार महिला आरक्षण बिल लेकर आए, कांग्रेस उसका पूरा समर्थन करेगी।
इससे पहले यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी ने भी सितंबर 2017 में पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि आपकी सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और आप महिला आरक्षण बिल को पास कराएं, कांग्रेस पार्टी समर्थन करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में पीएम से कहा है कि चुनाव में यह आपका मुख्य वादा था। कई सभाओं में आपने महिलाओं को सशक्त बनाने की बात कही है। अपने वादे को पूरा करने के लिए आपको बिल को बिना शर्त समर्थन करना चाहिए। अगर इस बार बिल में कोई देरी की जाती है तो अगले आम चुनाव से पहले इसे लागू करना मुश्किल हो जाएगा।
महिला आरक्षण बिल के तहत संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का यह पत्र भाजपा के तीन तलाक विधेयक के जवाब में है। भाजपा इस सत्र में तीन तलाक का विधेयक लाना चाहती है, इसके लिए वह विपक्षी दलों से समर्थन की मांग भी कर रही है। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है।
महिला आरक्षण बिल काफी समय से लटका हुआ है। 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के समय में इस बिल को संसद में पेश किया गया था। 2010 में यह बिल राज्यसभा में पास भी हो गया था लेकिन बाद में लोकसभा में अटक गया था।