दलितों को अपने पाले में लाने की कवायद के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 23 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी की देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ मुहिम की शुरुआत करेंगे। इसका मकसद संविधान एवं दलित समुदाय पर कथित हमलों की तरफ लोगों का ध्यान खींचना है। ‘संविधान बचाओ’ मुहिम की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस के मौजूदा एवं पूर्व दलित सांसद, विधायक, जिला परिषदों, नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
तालकटोरा स्टेडियम से शुरुआत
इस मुहिम का मकसद कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को दलित समुदाय के मौजूदा हालात से अवगत कराना है। कांग्रेस की क्षेत्रीय इकाइयों से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा इसकी युवा, महिला एवं सेवा दल शाखा भी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने जा रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेगी। कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के आयोजक नितिन राउत ने बताया कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों से अपेक्षा है कि वे संदेश को आगे ले जाएंगे और दलित समुदाय तक पहुंच कायम करने के लिए ऐसे ही अभियान राज्यों में चलाएंगे।
नेता अपने क्षेत्रों में लेकर जाएंगे संदेश
राउत ने कहा, ‘‘भाजपा शासनकाल में संविधान पर हमला हो रहा है। समुदाय को शैक्षणिक और रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा रहा है। विभिन्न मुद्दों पर समुदाय के सदस्यों में गुस्सा है। बैठक में इन्हीं मुद्दों को उजागर किया जाएगा।’’ राउत ने कहा, ‘‘हमारे नेता सम्मेलन से निकल कर अपने-अपने क्षेत्रों में संदेश लेकर जाएंगे।’’ संविधान निर्माता बी. आर. आंबेडकर के कारण ही प्रधानमंत्री पद तक पहुंच पाने संबंधी नरेंद्र मोदी की टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए राउत ने पूछा कि फिर उनके शासनकाल में संविधान एवं दलितों पर कथित हमले क्यों हो रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसे हालात नहीं थे। राउत ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इस समुदाय के लिए काम किया। सम्मेलन में हिस्सा ले रहे लोग अपने क्षेत्रों में इस पहलू से भी लोगों को अवगत कराएंगे।’’ देश में करीब 17 फीसदी मतदाता दलित समुदाय के हैं। बता दें कि अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए 84 संसदीय सीटें आरक्षित हैं।