सीएम रविवार को जेडीयू दफ्तर में राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधिकर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं खुशामद करने वाला व्यक्ति नहीं हू और न ही किसी का पिछलग्गू हूं। जो होना होगा, वह होकर रहेगा। हमारा सिद्धांत एक है और वह अटल है। काम में विश्वास रखता हूं। सर्जिकल स्ट्राइक पर मैंने सोनिया गांधी का समर्थन किया। जीएसटी के पक्ष में हम यूपीए के समय से हैं और आज भी हैं। इससे बिहार को फायदा होगा। लोहिया ने कांग्रेस को सरकारी गांधी वादी कहा था। रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद तरह-तरह का आरोप लगाया गया। क्या हमारे पास जवाब देने के लिए मुंह नहीं है? मैं 22 जून की मीटिंग में जाने वाला था, लेकिन कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पटना में इफ्तार में जो बयान दिया, उसे देख कर मैंने नहीं होने का फैसला किया।
राष्ट्रपति पद के उम्मीद्वार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जिनका एक सिद्धांत होता है वही आदमी एक फैसला लेता है। इसी बात को लेकर नीतीश कुमार कांग्रेस पर भड़के। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आजादी में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है, इसके बावजूद आज भाजपा देश की गद्दी पर बैठी हुई है। देश की सत्ता की चाबी उसके हाथ में है। संगठन की मजबूती की बदौलत ही आज भाजपा देश की सत्ता पर काबिज है। उन्होंने पार्टी वर्कर्स से संगठन को मजबूत बनाने को कहा।
उन्होंने कहा कि जदयू नेताओं को दूसरे के मुद्दे पर उलझने की जरूरत नहीं है। राजद की रैली पर जदयू के नेताओं को बोलने की क्या जरूरत थी ? सब का अपना-अपना कार्यक्रम होता है। राजद की रैली मजबूत होगी। अगर यह महागठबंधन की रैली होती तो कमजोर होती। राजद अपनी रैली में बुलाएगा तो हम उसमें जरूर जाएंगे। जदयू नेता सचेत रहें। काम हम कर रहे हैं, इसका फायदा कोई दूसरा ना उठाने पाए।