उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से गुरुवार को नामांकन भरने के बाद भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। हलफनामे के अनुसार, स्मृति ईरानी 12वीं पास हैं जबकि इससे पहले तक उनके ग्रेजुएट होने की बात कही गई थी। ईरानी ने नामांकन के दौरान दिए गए शपथपत्र में बताया है कि वह ग्रैजुएट नहीं हैं। नामांकन पत्र से यह बात सामने आने के बाद कांग्रेस को ईरानी और मोदी सरकार पर हमले का मौका नहीं छोड़ा और उन ड्रिग्री को लेकर तंज कसा। कांग्रेस ने स्मृति के हिट टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की तर्ज पर ईरानी की डिग्री पर कटाक्ष किया है।
'क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रैजुएट थी'
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'एक नया सीरियल आने वाला है,'क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रैजुएट थी।' इसकी ओपनिंग लाइन होगी 'क्वॉलिफिकेशन्स के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं, एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते नए ऐफिडेविट हैं...क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं।'
यहां देखें पूरा वीडियो-
#WATCH Congress' Priyanka Chaturdevi: A new serial is going to come, 'Kyunki Mantri Bhi Kabhi Graduate Thi'; Its opening line will be 'Qualifications ke bhi roop badalte hain, naye-naye sanche mein dhalte hain, ek degree aati hai, ek degree jaati hai, bante affidavit naye hain. pic.twitter.com/o8My3RX9JR
— ANI (@ANI) April 12, 2019
‘मोदी सरकार में ही मुमकिन है- ग्रेजुएट से 12वीं कक्षा में होना’
प्रियंका ने आगे कहा कि स्मृति ईरानी जी ने अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर एक चीज कायम की है कि किस तरीके से ग्रेजुएट से 12वीं कक्षा के हो जाते हैं। वो मोदी सरकार से ही और मोदी सरकार में ही मुमकिन है।' इसके साथ ही उन्होंने ईरानी के 2004, 2011, 2014 के हलफनामों की तस्वीर भी साझा की है।
डिग्री को लेकर विपक्ष के दावों को खारिज कर चुकी हैं ईरानी
ईरानी पहले अपनी डिग्री को लेकर विपक्ष के दावों को खारिज कर चुकीं हैं लेकिन उन्होंने माना है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्तानक कोर्स में दाखिला लिया था लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर पाई थीं। अपने चुनावी हलफनामे में ईरानी ने खुलासा किया कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से पहले साल बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) की परीक्षा दी लेकिन वह तीन साल के कोर्स को पूरा नहीं कर पाई थीं।
ईरानी खुद को बताया थाबीए डिग्रीधारक
विपक्ष का कहना है कि 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने हलफनामें में खुद को स्नातक बताया था जोकि गलत है। 2004 में ईरानी ने दिल्ली के चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने खुद को बीए डिग्रीधारक बताया था। अपने हलफनामे में उन्होंने बताया था कि 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से (स्कूल ऑफ कोरसपोंडेस) उन्होंने बीए किया है। 2014 के हलफनामे में उन्होंने खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय से (स्कूल ऑफ कोरसपोंडेस) से बीकॉम डिग्रीधारक बताया था। हालांकि ताजा हलफनामे में उनका कहना है कि वह स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थीं।
अगस्त 2014 में एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान ईरानी ने कहा था कि उनके पास अमेरिका के येल विश्वविद्यालय की एक डिग्री है। जिसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि उन्होंने इसे अपने हलफनामे में क्यों नहीं बताया। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना शैक्षणिक योग्यता को गलत बताने का मामला दर्ज है। हालांकि विवाद के समय काफी नेता ईरानी के समर्थन में आ गए थे। जिसमें उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं।
ईरानी के ताजा हलफनामे में संपत्ति का ब्यौरा
अपने ताजा हलफनामे में स्मृति ने अपनी संपत्ति 4.71 करोड़ रुपये घोषित की है। उन्होंने बताया कि उनके पास 1.75 करोड़ की चल और 2.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। इसमें 1.45 करोड़ रुपये मूल्य की कृषि योग्य भूमि और 1.50 करोड़ की आवासीय इमारत शामिल है।