कांग्रेस के प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने कहा, “अगर 25 जून को खुफिया जानकारी थी कि अमरनाथ यात्रा पर हमला किया जाएगा, तो इससे निपटने का उपाय क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने कहा कि अगर उग्रवादी हमले की सूचना जून माह से थी, तो सुरक्षा कवच में इतनी भारी भूल कैसे? उम्मीद है निर्णायक कार्यवाही होगी।
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को कहा कि यह सरकार और सुरक्षा बलों की गंभीर सुरक्षा चूक की बात है। अमरनाथयात्रा में मारे गए यात्रियों के परिवारों को संवेदनाएं। अब केवल बातें नहीं, उग्रवाद को मुँहतोड़ जबाब देना होगा। ये सुरक्षा कवच में चूक है।
अमरनाथयात्रा में मारे गए यात्रियों के परिवारों को संवेदनाएँ।अब केवल बातें नहीं,उग्रवाद को मुँहतोड़ जबाब देना होगा।ये सुरक्षा कवच में चूक है। pic.twitter.com/kn3VHH5qo7
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 11 July 2017
वहीं कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदारी स्वीकार करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इन कायर आतंकवादियों से भारत कभी भी भयभीत नहीं होगा। उन्होंने ट्वीट किया कि यह एक गंभीर और अस्वीकार्य सुरक्षा चूक है। प्रधानमंत्री को इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। और इसे फिर से नहीं होने देना चाहिए।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले पर दु:ख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के भक्तों पर यह हमला पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है। सोनिया ने कहा कि इससे पूरा देश स्तब्ध है। भारत सरकार को पूरे मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हो।