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पीएम मोदी के वैक्सीनेशन पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- उन्हें अमेरिका जाने की अनुमति कैसे मिली?

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर सवाल...
पीएम मोदी के वैक्सीनेशन पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- उन्हें अमेरिका जाने की अनुमति कैसे मिली?

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी को कोवैक्सीन लगवाने के बाद भी अमेरिका में एंट्री मिलने को लेकर सवाल उठाया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस वैक्सीन को अमेरिका ने अपनी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ऐसे में इस टीके को लगवाने के बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी को एंट्री कैसे मिली है?

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'यदि मुझे सही से याद है तो पीएम नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन ली थी, जिसे अमेरिका की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। या फिर उन्होंने इसके अलावा कोई और वैक्सीन भी ली है या अमेरिका के प्रशासन ने उन्हें छूट दी है? देश यह जानना चाहता है।'

इससे पहले रिजू दत्ता ने बुधवार को ट्वीट किया था कि पीएम मोदी को अमेरिका जाने की अनुमति कैसे मिली। क्योंकि अमेरिका ने अभी तक भारत में निर्मित कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है। इस मामले में उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से जवाब मांगा था। उन्होंने पूछा था  कि क्या सारे नियम करदाताओं के लिए ही हैं। 

दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस की सीनियर नेता मारग्रेट अल्वा के बेटे निखिल अल्वा ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने खुद भी कोवैक्सीन ही लगवाई है। निखिल अल्वा ने ट्वीट किया, 'अपने प्रधानमंत्री की तरह मैंने भी आत्मनिर्भर कोवैक्सीन लगवाई है। अब मैं ईरान, नेपाल और कुछ अन्य देशों को छोड़कर दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में नहीं जा सकता है। लेकिन मुझे यह जानकर हैरानी हो रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अमेरिका जाने की अनुमति मिल गई है, जो कोवैक्सीन को मान्यता ही नहीं देता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि वास्तव में उन्होंने कौन सी वैक्सीन ली थी।'

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 मार्च को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में जाकर कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवाया था। उन्होंने भारत में ही बनी कोवैक्सीन की डोज ली थी। कोवैक्सीन को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रे्लिया समेत दुनिया के कई बड़े देशों की ओर से मान्यता नहीं दी गई है। हालांकि कोविशील्ड को इस सूची में शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि  भारत में निर्मित कोवैक्सीन को अभी तक न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी मान्यता दी है और न ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इसे मान्यता मिली है। हालांकि, कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पांच अक्टूबर को एक बैठक प्रस्तावित है। 

 

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